MP NEWS24- जो संसार में कलह रूपी जहर को पीता है वही शंकर बनता है। श्री बद्री विशाल मंदिर प्रांगण में आयोजित श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन की कथा में उक्त उद्गार पंडित सुनील कृष्ण व्यास बेरछा मंडी वालों ने व्यक्त करते हुए शिवचरित्र की महिमा का वर्णन सुनाया।पंडित व्यास ने शिव शब्द की व्याख्या करते हुए कहा कि शिव नाम का अर्थ है जो कल्याण करने वाला है। ऐसे परमेश्वर शिव से बेर रखकर दक्ष ने अपने सिर को कटवा लिया। भगवान शंकर संसार को जहर पीकर यह प्रेरणा देते हैं जो जीव संसार में रहकर परिवार में रहकर समाज में रहकर कलह का जहर शांत भाव से पी जाता है आगे चलकर वही शंकर बनता है। पं. व्यास ने धु्रव चरित्र की व्याख्या करते हुए बताया कि हर बालक की पहली गुरु उसको जन्म देने वाली उसकी मां होती है। विद्यालय में पढ़ने तो बालक 5 वर्ष के बाद जाता है परंतु संस्कार रूपी आचार-विचार व्यवहार वह बालक अपनी मां के द्वारा ही सीखता है। पं. व्यास ने भक्त प्रहलाद की कथा को सुनाते हुए कहा परमात्मा पर विश्वास रखकर जीवन में अगर भजन किया जाए तो भक्तों के विश्वास से ही भगवान खंबे को फाड़ कर नरसिंह रूप में प्रकट हो सकते हैं । भगवान की भक्ति पर भक्तों को पूर्ण विश्वास करते हुए श्रद्धा रखनी चाहिए। प्रहलाद जी का चरित्र परमात्मा पर विश्वास की कथा है ।
शाम को भागवतजी की आरती का लाभ मंदिर समिति के ट्रस्टी ज्ञानेश्वर पोरवाल द्वारा की गई। शुक्रवार को कथा में कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा। श्री जांगड़ा पंच पोरवाल समाज ने सभी भक्तों से कथा में पधारने का आग्रह किया है।
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