MP NEWS24- निजी विद्यालयों द्वारा कोरोना काल के दौरान विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थीयों के अभिभावकों से कितनी एवं किन-किन मदों में शुल्क वसुली की गई है इस हेतु अनुविभागीय अधिकारी आशुतोष गोस्वामी द्वारा एक जांच दल का गठन शिक्षा विभाग के निर्देश पर किया गया है। पॉंच सदस्यी जांच दल में तहसीलदार के अलावा शिक्षा विभाग अधिकारियों को भी शामिल किया गया है। समिति को पॉंच दिवस में अपनी रिर्पोट सौंपना है। जांच दल के गठन के बाद शहर में संचालित विद्यालयों द्वारा वसुली गई फीस की जानकारी भी शासन एवं अभिभावकों तक पहुॅंचेगी। ऐसे में कई विद्यालय संचालकों में दल के गठन के बाद से ही भय का स्थिति बन गई है।क्या है मामला
एसडीएम श्री गोस्वामी द्वारा बुधवार को जारी आदेश में कहा है कि मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश भोपाल के 9 जुलाई को जारी आदेश एवं जिला शिक्षा अधिकारी के 16 जुलाई को प्रेषित पत्र के द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं का शुल्क कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन अवधि वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2020-21 में शिक्षक शुल्क के अतिरिक्त अन्य कोई फीस प्रभारित नहीं की जावेगी एवं उच्च न्यायालय खण्डपीठ जबलपुर के पारित निर्णय में दिये गये निर्देश के परीपालन में पालकों से शिक्षण शुल्क ही लिया जावेगा।
एसडीएम ने जारी आदेश में इस बात का भी उल्लेख किया है कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देश के अनूक्रम में शिक्षण शुल्क 5 किश्तों में लिये जाने के निर्देशों का पालन विद्यालयों में नहीं किया जा रहा है, जिसमें पालकों कि शिकायतें प्राप्त हो रही है। साथ ही शाला स्थानांतरण, अंकसूची दस्तावेज संस्था प्रधान द्वारा प्रदाय नहीं किये जा रहे हें। साथ ही पुस्तकें क्रय, शाला प्रवेश अतिरिक्त शुल्क लिये जाने की भी शिकायतें प्राप्त हो रही है। उक्त शिकायतों एवं निर्देशों के क्रियान्वयन हेतु अधोलिखित अधिकारियों की निरीक्षण-जांचकर्ता कि समिति गठित की जाकर 5 दिवस में अशासकीय विद्यालयों का निरीक्षण कर अधोलिखित बिन्दुवार निरीक्षण प्रतिवेदन बीआरसी द्वारा प्रस्तुत किया जाना है।
यह हैं जांचदल में शामिल
जांच दल में जिन अधिकारियों को शामिल किया गया है उनमें तहसीलदार आशीष खरे, बीईओ भालचन्द्र शास्त्री, बीआरसी प्रणव द्विवेदी, बीएसी अशोक कुमार, शैलेन्द्रसिंह डोडिया शामिल है। इन्हें 8 बिन्दुओं पर अपनी रिर्पोट एसडीएम को सौंपना है जिसमें वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2020-21 एवं वर्ष 2021-22 की अनुमोदित विवरण पत्रक, वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में कितने छात्रों के पालकों द्वारा शिक्षण शुल्क जमा किया एवं कितने पालकों द्वारा नहीं किया गया। विद्यालय द्वारा शिक्षण शुल्क हेतु पालकों को कब-कब सूचना पत्र दिये। विद्यालय द्वारा कितने छात्रों को शाला स्थानांतरण प्रमाण-पत्र एवं अंक सूचीयॉं प्रदाय नहीं कि गई। कितने छात्रों को प्रवेश से वंचित किया गया। विद्यालय द्वारा पालकों को कौन-कौन सी पुस्तकें क्रय किये जाने हेतु निर्देशित किया गया ये पुस्तकें निर्धारित पाठ्यक्रम से संबंधित है एवं क्या निर्धारित बुक-सेलर से क्रय करने का प्रावधान किया गया है। निर्धारित फर्म में गणवेश क्रय करने हेतु प्रावधान किया गया है। वर्ष 2021-22 में शुल्क प्राप्त करने हेतु क्या निर्देश प्रमाणित किये गये है पर जांच की जाना है। एसडीएम द्वारा सभी शाला संचालकों को निर्देशित किया गया है कि समिति को आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने एवं समिति द्वारा दिये गये निर्देश एवं सुझावों का पालन करते हुए पालकों की समस्याओं का निराकरण करें एवं इस प्रकार की पुनरावृत्ति नहीं हो यह सुनिश्चित करें
क्या उद्योग के विद्यालयों की भी होगी जांच ?
एसडीएम द्वारा निजी विद्यालयों में कोविड काल में वसुले गए शुल्क की जांच हेतु समिति का गठन तो कर दिया गया है, लेकिन क्या समिति द्वारा उद्योग द्वारा संचालित आदित्य बिरला पब्लिक स्कूल, आदित्य बिरला सिनियर सेकेण्डरी स्कूल, आदित्य बिरला हायर सेकेण्डरी स्कूल के अलावा फातिमा कान्वेंट, वर्धमकान विद्यालय, मदर मेरी विद्यालय, लक्ष्य विद्यालय आदि विद्यालयों की जांच भी समिति द्वारा की जाऐगी ? यह बडा प्रश्न अभिभावकों के मध्य गूंज रहा है। क्योंकि इन बडे विद्यालयों में कोरोना काल के दौरान भी लॉकडाउन अवधि का शुल्क भी पुरा वसुला गया है। जिसके प्रमाण भी कई अभिभावकों के पास मौजुद है। विद्यालयों द्वारा ऑनलाईन ग्रुप में कई बार विद्यार्थीयों पर शुल्क जमा करने हेतु दबाव तक बनाया गया। इतना ही नहीं वर्तमान में भी दबाव-प्रभाव बनाया जा रहा है। जिसकी जांच भी समिति को करना चाहिए या फिर बडे विद्यालय संचालकों के दबाव में पुरी जांच को ही दबा दिया जाऐगा।
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