MP NEWS24- चैत्र सुदी तेरस का दिन उस समय, उस काल मंे धरती धन्य धान से परिपूर्ण थी, पक्षी चारों ओर जय घोष कर थे, मंद-मंद सुगन्धीत हवा चली रही थी, सात ग्रह अपनी स्वराशी में होने के साथ उच्च स्थिति में विराजमान थे। उस समय उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में त्रिशला महारानी ने सर्व दुख रहित ऐसे तीन ज्ञान से परिपूर्ण भगवान महावीर स्वामी को जन्म दिया। जैसे ही यह पक्ति मुनिश्री चन्द्रयशविजयजी ने उद्घोष की उपस्थित जनसमुदाय खुशियांे से झुम उठा। यह नजारा था मंगलवार दोपहर 2.25 बजे का। मौका था पर्यूषण पर्व के पांचवे दिन वीर जन्म वाचन महोत्सव का। जन्म वांचन महोत्सव के मौके पर श्रीसंघ में दिनभर धार्मिक कार्यक्रम का दौर जारी रहा।
पाठशाला भवन में हुआ मंगलाचरण से आरंभ
लक्ष्मीबाई मार्ग स्थित पाठशाला भवन में महावीर जन्म वांचन महोत्सव सुबह 9 बजे मुनिश्री की मंगलाचरण से हुआ। पश्चात मुनिश्री ने धर्मसभा के माध्यम से भगवान महावीर स्वामी की माता त्रिशला रानी ने गर्भावस्था में जो 14 स्वपन देखे थे। उनकी महिमा का गुणगान किया। सुबह 10 बजे वीर जन्म वाचन की जाजम बिछाने का विधान किया गया जो श्रीसंघ पदाधिकारी एवं पाठशाला भवन ट्रस्ट्रीयों द्वारा बिछाई गई। मुनिम बनने का लाभ सरदारमल विमलचन्द्र नागदा परिवार ने लिया। पश्चात 14 स्वपनजी के दर्शन करवाने की बोली का आयोजन किया गया, सर्वाधिक बोली चौैथे स्वपन लक्ष्मी की लगी जिसका लाभ यंशवत कुमार आयुषकुमार वागरेचा परिवार ने लिया।चन्द्रप्रभु जैन मंदिर में हुआ वीरजन्म वाचन महोत्सव का आयोजन
प्रतिवर्ष महात्मा गांधी मार्ग स्थित चन्द्रप्रभु जैन मंदिर परिसर में आयोजित होने वाला वीरजन्म वांचन महोत्सव का आयोजन पाठशाला भवन में मुनिद्वय की निश्रा में मंगलवार दोपहर 3.30 बजे आयोजित किया गया। इस दौरान मंदिरजी संबंधी अष्ठप्रकारी पूजन, जन्म वांचन के पश्चात प्रथम आरती, मंगल दिपक, गौतम स्वामीजी की आरती, राजेन्द्रसूरीजी की आरती इत्यादि के चढ़ावे का आयोजन किया गया। स्थानीय चन्द्रप्रभु संगीत मंडल के कलाकारों ने जन्म वांचन महोत्सव को संगीतमय कर दिया।
देर रात तक अंगरचना निहारते रहे श्रद्धालू
जन्म वाचन के महोत्सव पर महात्मा गांधी मार्ग स्थित चन्द्रप्रभु जैन मंदिर में आर्कषक अंगरचना की गई। जिससे निहारने के लिए देर रात तक श्रद्धालू का मंदिर में आवगमण का दौर जारी था। सोमवार रात 10.30 बजे शुरू की गई अंगरचना का कार्य मंगलवार दोपहर 4 बजे पूर्ण हुआ। अंगरचना के दौरान श्रीसंघ के मंयक कांकरिया, शुभम कटलेचा, अंकित कांकरिया, मंयक कोचर, निर्मल छोरिया, अभिषेक कोलन, ऋषभ सालेचा व्होरा, शुभम वागरेचा, प्रथम भंसाली, दिव्यांश छोरिया, अमन छोरिया, उमंग मुरड़िया, शुभम धोका, सुमित बाबेल, चेतन्य कांकरिया, लक्की सालेचा व्होरा आदि का सराहनीय योगदान रहा।
बुधवार को जैन कालोनी मंे वीर जन्म वाचन महोत्सव
पर्यूषण पर्व के छठे दिन बुधवार सुबह 9 बजे मुनिश्री चन्द्रयशविजयजीएवं मुनिश्री जिनभद्रविजयजी की निश्रा में जैैन कालोनी स्थित शांतिनाथ राजेन्द्रसूरी जैन ज्ञान मंदिर में वीर जन्मवाचन महोत्सव का आयोजन होगा। मीडिया प्रभारी डॉ. विपिन वागरेचा ने बताया कि जन्म वांचन महोत्सव के दौरान मंदिरजी के अष्ठाप्रकारी पूजन, 14 स्वपन, पालना जी एवं जन्म वांचन के पश्चात प्रथम आरती आदि के चढ़ावे का आयोजन होगा।
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