MP NEWS24- “इंसान के अगर होंसले बुलंद हो तो वह हर कमजोरी पर विजय पाकर अपना एक अलग मुकाम समाज में हासिल कर सकता है। प्रतिभाये सुविधाओं की मोहताज नहीं होती है और स्नेह संस्था अपनी स्थापना से ही दिव्यांग प्रतिभाओं को आगे लाने में सदैव तत्पर रहती है“।उपरोक्त उदगार लायंस ऑफ़ नागदा की स्थाई परियोजना एवं देश की सर्वश्रेष्ठ संस्था के सम्मान से सम्मानित दिव्यांगो के सशक्तिकरण हेतु कार्यरत संस्था स्नेह के संस्थापक पंकज मारू ने हेमिप्लेजिया से पीड़ित नागदा की 18 वर्षीय संजना पोरवाल के प्रथम काव्य संग्रह के विमोचन अवसर पर व्यक्त किये।
स्नेह में ही की गई है संजना की थेरेपी
स्नेह के प्रशासनिक उप निदेशक महेश राठौर ने बताया कि संजना पोरवाल की स्नेह की पूर्व निदेशक स्वर्गीय डॉक्टर नैना क्रिश्चयन के मार्गदर्शन में गुडिया शर्मा द्वारा थेरेपी की जा रही थी। शुरुआती दौर में संजना बहुत अवसाद में रहती थी, किन्तु स्नेह में थेरेपी के साथ उनकी काउंसलिंग ने उनके मनोबल में भी अभिवृद्धि की और लॉक डाउन की अवधि में संजना ने 63 कविताओं की रचना कर दी।
हौसले ने दिलाया यह मुकाम
स्नेह की अकादमिक उप निदेशक डॉक्टर नीति डेनियल ने बताया कि हेमिप्लेजिया से पीड़ित व्यक्ति के शरीर का आधा हिस्सा सामान्य रूप से कार्य नहीं कर पाता है, इसके बावजूद उनके द्वारा कविता संग्रह का प्रकाशन लाखों दिव्यांगो को भी प्रेरित करेगा। इस अवसर पर संजना ने समाज से दिव्यांग जनों के प्रति सहानुभूति की जगह उन्हें अवसर देने और सम्मान के साथ स्वीकार करने का आह्वान करते हुए स्नेह की टीम के प्रति आभार व्यक्त किया।
ऑनलाईन उपलब्ध है पुस्तक
बुक क्लिनिक पब्लिशिंग द्वारा प्रकाशित यह कविता संग्रह सभी ऑनलाइन प्लेटफार्म पर उपलब्द्ध है। संजना की कविताओं ने लडकियों से लेकर परिवार के हर रिश्ते, प्रकृति से लेकर संस्कृति, राष्ट्रभक्ति से लेकर तीज त्यौहार सभी को छुआ है। इस अवसर पर स्नेह की अकादमिक उप निदेशक डॉक्टर नीति डेनियल सहित स्नेह के समस्त प्रशिक्षक उपस्तिथ थे। कार्यक्रम का संचालन परियोजना समन्वयक विप्लव चौहान ने किया।
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