MP NEWS24- वरिष्ठ श्रमिक नेता कैलाश रघुवंशी ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में घटित घटना जिसमें देश के गृह राज्यमंत्री के पुत्र ने अपनी गाडी से 4 किसानों को कुचल कर मार डाला है घटना की कडी निन्दा करते हुए इसे देश को शर्मसार करने वाली घटना बताया है।श्रमिक नेता ने कहा कि देश का किसान देशवासियों का पेट अपने खुन-पसीने से उगाई गई फसल से भरता है, 70 वर्षो से देश की सेवा में लगा देश का अन्नदाता आज अपने हितों की लडाई लड रहा है तथा केन्द्र की नाकारा सरकार जो तीन किसान विरोधी बील लाई है उसका विरोध करा है। लेकिन संविधान में निहित लोकतांत्रित अधिकारों को भी सरकार किसानों से छिन रही है तथा उनके विरोध करने के अधिकारों को भी दबाया जा रहा है।
रघुवंशी ने कहा कि देश के अन्नदाता की मौत की अनदेखी करते हुए प्रधानमंत्री यूपी के चुनाव में जनता को मकानों की सौगात देते हुए वहॉं उद्घाटन में मशगूल रहे हैं और योगी की टीम को जिताने का यूपी में बीजेपी की सरकार बनाने का कोई मौका छोडना नहीं चाहते। जबकि लखनउ से लखीमपुर खीरी की दुरी ज्यादा नहीं है उन्होंने उन आठ किसानों की मौत पर उनके परिवारजनों को सांत्वना देना भी उचित नहीं समझा और ना ही युपी के मुख्यमंत्री को सत्ता से बेदखल करने का कोई निर्णय लिया।
श्री रघुवंशी ने कहा कि गृह राज्य मंत्री के पुत्र द्वारा किसानों को पीछे से आकर कुचलते हुए निकल जाना और उस पर एफआईआर न करते हुए और ना ही गृहमंत्री का इस्तीफा लिया गया। इन्क्वायरी करवाने की घोषणा करना उचित नहीं माना जा सकता क्योकि रिटायर्ड जज से इन्कवायरी की जगह उच्च न्यायालय के मौजुदा न्यायाधीश से करवाना चाहिए। मंत्री के पद पर रहते हुए जांच को प्रभावित किया जा सकता है ऐसे में तत्काल मंत्री का इस्तिफा लेना चाहिए।
रघुवंशी ने कहा कि प्रजातंत्र की हत्या व संविधान का मखौल उडाने का कार्य तानाशाही वाले रवैया को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि विरोधी राजनीतिक दलों के नेताओं को मृतक परिवारों से मिलने नहीं जाने देना और गिरफ्तार करके उन्हें 36-40 घंटे तक गेर कानूनी तरीके से धक्का-मुक्कि करते हुए जबरन जेलों में ठूस दिया गया है। जबकि 24 घंटे के अन्दर यदि 151 में शान्ति भंग में भी बन्द किया जाता है तो भी उन्हें कोई पेश करना संविधान की धाराओं को दर्शाता है।
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