MP NEWS24- खेती में बढती लागत एवं उचित जानकारी के अभाव में कृषक अपनी खेती की आजीविका से पर्याप्त लाभ नहीं ले पा रहे हैं। इसी के तहत ग्रेसिम सामाजिक उत्तरदायित्व विभाग एक लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों में जागृती लाने का कार्य कर रहा है।उद्योग के जनसंपर्क अधिकारी संजय व्यास ने बताया कि ग्रेसिम ने 12 गांवों के 100 कृषकों को प्रशिक्षण के माध्यम से तथा जैविक खेती करने के लिए केचुॅंए की कीट उपलब्ध करायी गई है। उन्होंने बताया कि जिन गांवों के किसानों ने इसका लाभ लिय है उनमें निपानिया, अटलावदा, निनावटखेडा, कलसी, खजुरिया, भाटीसुडा, भीलसुडा, पालकी, पिपलौदा, परमारखेडी, किलोडिया, उमरनी, खरमण्डी आदि प्रमुख हैं।
श्री व्यास ने बताया कि क्षेत्र के कृषक उद्योग द्वारा चलाऐ जा रहे प्रशिक्षण के माध्यम से प्राप्त जानकारी एवं केचुॅंऐ पालन के द्वारा आसानी से जैविक खेती करने में सक्षम हो रहे हैं। ग्रेसिम, नागदा विकास के विभिन्न कार्यक्रम युनिट हेड के सुरेश की प्रेरणा तथा मानव संसाधन विभाग के उपाध्यक्ष सुधीर कुमार सिंह के कुशल नेतृत्व में संचालित कर रहा है।
ग्रेसिम स्थायी आजीविका को बढावा देने के लिए कई अन्य प्रभावपूर्ण कार्यक्रम सुचारू रूप से क्रियान्वित कर रहा है, इसमें प्रमुख रूप से दक्षता विकास, पशुधन विकास तथा उद्यानिकी विकास के कार्यक्रम हैं। उपरोक्त कार्यक्रम ग्रेसिम के सीएसआर हेड सतीश भुवीर की सफल योजना तथा जीवन पोरवाल के माध्यम से किये जा रहे हैं।
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