MP NEWS24-नौ दिवस मॉं दुर्गा की आराधना के पर्व नवरात्रि की शुरूआत गुरूवार से होगी। शहर में विभिन्न स्थानों पर मॉं दुर्गा की प्रतिमाओं को विधि-विधान के साथ घटस्थापना एवं पूजा-अर्चना उपरांत विराजित किया जाऐगा तथा लगातार नो दिनों तक माता की आराधना करते हुए नन्हीं-नन्हीं बालिकाओं द्वारा गरबा भी किया जाऐगा। हालांकि कोविड-19 महामारी के चलते इस वर्ष भी बडे स्तर पर हेोन वाले आयोजनों पर प्रशासन द्वारा रोक लगाई गई है जिसके चलते कम संख्या में ही नागरिकों की उपस्थिति में आयोजन संपन्न होगे। मॉं दुर्गा की भक्ति हेतु बाजार में पुजन सामग्री एवं चुनरी आदि के बाजार भी सज गए है।शारदीय नवरात्रि शक्ति के नौ स्वरूपों का प्रतीक होता है। वर्षा ऋतु का गमन एवं शरद ऋतु का आगमन होने से यह स्वास्थ्य की दृष्टि से संक्रमण काल होता है। अतः नौ दिन व्रत-पूजा, नियम-संयम के माध्यम से ऊर्जा का संचयन कर नई शक्ति प्राप्त करने का दिव्य समय होता है। श्री दुर्गा सप्तशती में स्वयं दुर्गा भगवती ने कहा है- “जो शरद काल की नवरात्रि में मेरी पूजा-आराधना तथा मेरे तीनों चरित्र का श्रद्धा पूर्वक पाठ करता है एवं नवरात्रि पर्यंत व्रत रहते हुए तप करता है, वह समस्त बाधाओं से मुक्त होकर धन-धान्य से समपन्न हो यश का भागीदार बन जाता है, इसमें किंचित संशय नहीं है।
विभिन्न स्थानों पर विराजित की जाऐंगी माताजी की प्रतिमाऐं
शहर में विभिन्न स्थानों पर माताजी की प्रतिमाओं को विराजित किया जाऐगा। जवाहर मार्ग पर विश्व युवा मण्डल के तत्वाधान में माताजी की प्रतिमा विराजित की जाऐगी। इसी प्रकार दीनदयाल चौक पर परम्परांगत रूप से माताजी की प्रतिमा को विराजित किया जाऐगा। इसी प्रकार पाडल्या रोड, गर्वमेंट कॉलोनी, चंबल मार्ग, बंगाली कॉलोनी एवं अन्य स्थानों पर भी माताजी की प्रतिमा को विराजित किया जाऐगा।
14 अक्टूंबर को मनाया जाऐगा महानवमी का पर्व
महानवमी 14 अक्टूबर गुरुवार को होगी। नवरात्रि समाप्ति से सम्बंधित हवन-पूजन, कन्या पूजन 14 अक्टूबर गुरुवार को रात्रि 9रू52 बजे तक नवमी पर्यंत किया जायेगा। नवरात्रि व्रत का पारण 15 अक्टूबर शुक्रवार को प्रातःकाल होगा। इसी प्रकार विजयादशमी (दशहरा) का पर्व 15 अक्टूबर दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा। इसी दिन मॉं दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन श्रवण नक्षत्र युक्त दशमी तिथि में अति शुभ होगा। शुक्रवार की दशमी तिथि होने के कारण देवी का प्रस्थान गज अर्थात् हाथी पर होगा, जो शुभफलकारी होने के साथ उत्तम वर्षा का संकेत है।
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चामुण्डा माता मंदिर अभी भी जलमग्न
नवरात्रि पर्व पर चंबल तट स्थित मॉं चामुण्डा के मंदिर पर भी भक्तों का तांता लगता है। लेकिन इस वर्ष अत्यधिक वर्षा होने के कारण मॉं चंबल लगतार अपने पूर्ण वेग से बह रही हैं। जिसके चलते मॉं चामुण्डा का मंदिर कई दिनों से जलमग्न है। ऐसे में भक्तों को दूर से ही मॉं के दर्शन कर पुण्यलाभ अर्जीत करना पडेगा। मंदिर के पुजारी का कहना है कि आगामी दो दिवसों तक और माताजी का मंदिर जलमग्न रहेगा, यदि वर्षा का क्रम थमा रहता है तो मंदिर पर से पानी कम होने पर माताजी के दर्शन श्रद्धालु कर सकेंगें।
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