नागदा जं.-नपा के सफाई कर्मचारियों के हितों की लडाई लड रही यूनियन

MP NEWS24- नगरीय निकाय कर्मचारी महासंघ उज्जैन (इंटक) के महामंत्री भवानीसिंह शेखावत ने बताया कि मध्यप्रदेश शासन के उपश्रमायुक्त द्वारा निरंजन माली, माली, सरीताबाई पति रमेशचन्द्र, अनिताबाई पति नाहरू, शीलाबाई पति मांगीलाल, मासूमबाई पति रमेश, राधेश्याम पिता कनिराम, मायाबाई पति ईश्वर, भेरू पिता बसंतीलाल, अनिताबाई पति बाबुलाल, सीमाबाई पति जगराम, श्याम बाई पति शिवलाल, राधाबाई पति रामप्रसाद, मंजुबाई पति अशोक, भगवन्तीबाई पति राजेश, मुकेश पिता नागुजी, दीपक पिता  बलराम, मुन्नीबाई पति रमेशचन्द्र, रीनाबाई पति राजेश, सुमित्राबाई पति विष्णुराम मकवाना, राधाबाई पति कैलाश, राकेश पिता मुन्नालाल, डालाबाई पति प्रकाश, सुनीताबाई पति राजु, शीलाबाई पति मांगीलाल, सुशीलाबाई पति बाबुलाल, राकेश पिता प्रकाश, महेश पिता मांगीलाल, सनताबाई पति राजेन्द्र, रामकन्याबाई पति अशोक, मायाबाई पति बलराम आदि के प्रकरण श्रम न्यायालय उज्जैन में न्याय निर्णयन हेतु संदर्भित किये गये है।

इन बिन्दुओं को लेकर किया प्रश्न
क्या आवेदक श्री निरंजन माली पिता श्री विक्रम माली को म.प्र. शासन सामान्य विभाग मंत्रालय के परिपत्र दिनांक 7 अक्टुबर 2016 के अनुसार वेतन, वेतनमान का महंगाई भत्ता एवं वेतनमान करने एवं विनियमितिकरण किए जाने तक प्रतिमाह कम दिए जा रहे वेतन, वेतन का महंगाई भत्ता व वेतनमान जोडकर प्राप्त करने के पात्र है ? यदि नहीं तो आवेदक किस सहायता का पात्र है एवं इस संबंध में अनावेदक पक्ष को क्या निर्देश दिये जाने चाहिये ?
यूनियन के अध्यक्ष सुरेश रघुवंशी, उपाध्यक्ष पवन गुर्जर, दीपक मकवाना, राजु मुनिया, खडकसिंह, पवन भाटी, महामंत्री भवानीसिंह शेखावत, मंत्री विष्णु मकवाना, तानसेन मेवाती, महेश, हनी मालवीय, दुलेसिंह, कोषाध्यक्ष मनीष शर्मा ने बताया कि कुछ युनियनों काम दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को गुमराह कर कर्मचारियों में अफवाह फैलाना कर भ्रमित करना रह गया है।
वर्षाे से नगर पालिका नागदा के कर्मचारियों का शोषण करवाकर दुकाने चला रही यूनियन के नेताओ के पैसो से नगरीय निकाय कर्मचारी महासंघ इंटक के गठन एवं पंजीयन के बाद से जमीने खिसक रही है इसलिए कुछ लोग महासंघ्ज्ञ इंटक की कार्यवाही पर रोक लगाने के लिये बेईमान अधिकारियों से मिलकर खासकर सफाई कर्मचारियों का नुकसान करवाने के असफल प्रयास कर रहे है। उनको यह नहीं भूलना चाहिये कि मध्यप्रदेश में कानुन के लिये न्यायपालिकाएं बनी हुई है और कोई कितना भी बडा क्यों ना हो न्यायालय में सच्चाई सामने आ ही जाती है। यदि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को न्याय दिलवाने में अडचन पैदा करने से बाज नहीं आये तो उनके पापों का घडा फोडने में महासंघ नहीं हिचकेगा। नगर पालिका के समस्त कर्मचारियों से महासंघ इंटक अपील करती है कि एकजूट होकर यूनियनो के नाम से पर्दे के पीछे से षडयंत्र रचने वालो को पहचानना होगा। दीपावली बाद महासंघ इंटक सभी कर्मचारियों को एकजूट कर हकीकत से भी अवगत कराया जावेगा।

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