MP NEWS24-ज्युडिशियल एक्टीविट्स अभय चोपड़ा द्वारा “आवासीय क्षेत्रों में चल रही अवैध औद्योगिक इकाइयों के संबंध में सर्वाेच्च न्यायालय, दिल्ली के 11 अक्टूबर 2018 के आदेश तथा दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 133 के अर्न्तगत नगर में स्थापित लैंसेक्स उद्योग को रिहाइशी इलाके से बाहर स्थापित करने हेतु एक आवेदन सोमवार को एसडीएम को सौंपा।चोपडा ने बताया कि लेंसेक्स इण्डस्ट्रीज लिमिटेड नगर पालिका सीमा मे रिहायशी इलाके मे स्थित है। जो कि गम्भीर प्रदूषण पैदा करने वाली केमिकल इकाई मे आती है। इसके कारण रिहायशी इलाको में प्रदूषण से आम जनता के स्वास्थ्य पर भारी दुष्प्रभाव पड़ रहा है तथा आसपास के ग्रामीण क्षेत्रो में जल संसाधन, जमीन और भारी वायु प्रदूषण हो रहा है। प्रदूषण विभाग के पास प्रदूषण के पर्याप्त साक्ष्य है एवं ग्रामीण क्षेत्रों के सैकड़ो गाँव जल और वायु प्रदूषण की चपेट मे आ रहे है।
चोपडा ने बताया कि प्रदूषण विभाग की पोर्टल पर न्यायालय का निर्णय दर्ज है जो आवेदन पत्र के साथ संलग्न है। जिसके अनुसार जनहित याचिका के निर्णय मे देहली के रिहायशी इलाके से ऐसी पाँच हजार ईकाईया हटाने के आदेश दिया है और नागदा स्थित लेंसेंस उधोग समूह भी प्रदूषित ईकाईयो के मापदण्ड पर है। वायु प्रदूषण के चलते रिहायशी इलाको की ये औद्योगिक कम्पनिया लगातार वायु और जल प्रदूषण फैलाकर जन स्वास्थ्य के स्वावस्थ के लिये घातक सिद्ध हो रही है। इनका शीघ्रता शीघ्र नागदा के समीप औद्योगिक क्षैत्र मे रिक्त पड़ी हजारो बीघा जमीन जमीन का उपयोग हो जायगा।
आवेदन के द्वारा मांग की गई है कि उक्त सारे प्रकरण की प्रदूषण विभाग के दस्तावेजों, उच्चतम न्यायांलय के निर्णय और प्रदूषण विभाग के नियमानुसार कार्यवाही कर रिहायशी क्षेत्र से लैंक्सेस उद्योग को हटाकर ’ओधोगिक क्षेत्र में स्थानान्तरित करने के आदेश दिया जाए।
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