नागदा-इतिहास में आमुलचूल परिवर्तन की बहुत आवश्यकता है-मुकेश दिसावल

MP NEWS24- मुगलो व अंग्रेजो ने हिंदुओं को बांटने का प्रयास किया, पर हर काल में शिवाजी, महाराणा प्रतापत, कबीर, गुरू गोविन्दसिंह जैसे महापुरूषो ने अपना सर्वस्व राष्ट्र को न्यौछावर कर भारतीय संस्कृति, संस्कार को अक्षुण्ण बनाये रखा। मुगल आतताईयो की कुदृष्टि से बचने के लिये भारत की वीरांगनाओं ने घुंघट या पर्दा प्रथा के साथ-साथ झांसी की रानी बनकर व जौहर करके भी अपना स्वाभिमान बनाये रखा। आजादी के बाद भी सही इतिहास रचना न होने से अकबर को महान व महान चन्द्रशेखर को आतंकवादी बताया गया। इस घृणित इतिहास में आमुलचूल परिवर्तन की सख्त आवश्यकता है। यह विचार सामाजिक समरसता के प्रान्त संयोजक मुकेशजी दिसावल उज्जैन ने श्रीराम काॅलोनी स्थित सरस्वती शिशु मंदिर पर आयोजित सामाजिक समरसता जिला सम्मेलन में व्यक्त किये।


सम्मेलन में ताराचंद जी तंवर जिला संघ चालक, मनोज जी सोनी आगर विभाग संयोजक व ललित जी राठौर सामाजिक समरसता जिला सहसंयोजक ने उत्कृष्ट भारतीय परंपरा व संस्कृति पर मार्गदर्शन दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सामाजिक समरसता मंच नागदा के संरक्षक गुलजारीलाल त्रिवेदी व संचालन मुकेश पुरोहित ने किया। सम्मेलन में खाचरौद, उन्हेल, बडनगर के पदाधिकारियो के साथ सुल्तानसिंहजी शेखावत, प्रकाश जैन सांसद प्रतिनिधि, भेरूसिंह तंवर, हनुमानप्रसाद शर्मा, हरचरण चावला, भरत पाटीदार, प्रेम भाटिया, दीपक मकवाना, अशोक करात, निलेश मेहता, लाला कुमावत, राजेश पंडया, शरद त्रिवेदी, सत्यनारायण टेलर, श्रीमती सुमन शर्मा, हेमलता तोमर, निर्मला रावल, लता शर्मा व कई मातृशक्ति इस अवसर पर उपस्थित थी।

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