नागदा जं.-सीएमओ व परियोजना अधिकारी को शोकॉज नोटिस जारी, मामला पूर्व नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धनसिंह की समीक्षा बैठक की आरटीआई का

MP NEWS24-मप्र राज्य सूचना आयोग के आदेश का उल्लघंन करने पर वर्तमान सीएमओ नागदा एवं जिला शहरी विकास अभिकरण परियोजना अधिकारी देवास को आयोग ने शोकॉज नोटिस जारी किए हैं। सूचना आयोग ने यह कार्यवाही मप्र शासन के तत्कालीन नगरीय निकाय एवं विकासमंत्री जयवर्धन सिंह की 9 जून 2019 को नागदा में आयोजित समीक्षा बैठक की जानकारी आरटीआई में आयोग के आदेश के बाद  भी मुहैया नहीं कराने पर की है। इस प्रकरण की सुनवाई गत 23 नवंबर को आयोग अदालत भोपाल में होने  के बाद यह बात सामने आई कि आयोग के आदेश का उल्लघंन नागदा नपा परिशद  तत्कालीन सीएमओ भविष्य कुमार खोब्रागड़े के कार्यकाल का है, जोकि इन दिनों देवास में परियोजना अधिकारी जिला शहर एवं विकास अभिकरण के पद पर पदस्थ है। वर्तमान लोकसूचना अधिकारी नपा परिषद नागदा सीएस जाट को भी शोकॉज नोटिस जारी हुआ है।

आयोग ने यह कार्यवाही मुख्य सूचना आयुक्त एके शुक्ला के आदेश पर की है। दोनों अधिकारियों को 21 दिसंबर को आयोग अदालत में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है। यह कार्यवाही आरटीआई एक्टिविस्ट कैलाश सनोलिया की शिकायत पर हुई है। गौरतलब हैकि आयोग ने सनोलिया की सूचना अधिकार अपील पर  अपने निर्णय में तत्कालीन मंत्री जयवर्धन सिंह की समीक्षा बैठक की जानकारियां देने का निर्णय तत्कालीन लोकसूचना अधिकारी, मुख्य नपा अधिकारी नागदा के नाम  7 अप्रैल 2021 को  दिया था।
जुर्माना पर मांगा स्पष्टीकरण
मप्र राज्य सूचना आयोग के अवर सचिव कृष्णकांत खरे के हस्ताक्षर से जारी दोनों शोकॉज नोटिस में स्पष्ट किया गया मुख्य सूचना आयुक्त के आदेश पर नोटिस जारी किए जा रहे हैं। नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि सूचना अधिकार अधिनियम की धारा 20.1 के तहत जुर्माना तथा धारा 20.2 के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही के संबध में कारण बताओं नोटिस जारी किए जा रहे हैं। जिस पर व्यक्तिगत सुनवाई आयोग अदालत में निर्धारित की गई है। मुख्य सूचना की पीठ ने इस मामले में पिछली सुनवाई 23 नवंबर को की थी। जिसमें नपा नागदा के लोकसूचना अधिकारी सीएस जाट के प्रतिनिधि जितेंद्र पटेल ने आयोग के समक्ष यह पक्ष रखा था कि सूचना आयोग के आदेश पालन की अवधि में भविष्य  कुमार खोब्रागड़े नामांकित थे जो कि जोकि इन दिनों देवास में परियोजना अधिकारी  जिला शहरी विकास प्राधिकरण पद पर पदस्थ है। इस  सुनवाई में शिकायतकर्ता सनोलिया ने अपना पक्ष रखते दोषी अधिकारी पर जुर्माना करने की मांग की थी।

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