नागदा जं.--प्रशासन बंद कमरों में मिटिंग ही करता रह गया और शहर में फुट गया कोरोना बम पहली, दुसरी लहर को पछाड पहली बार 27 मरीज एक दिन में निकले पॉजिटिव, सभी को हल्के लक्षण

MP NEWS24- स्थानिय प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग का अमला बंद कमरों में मिटिंग एवं रणनीति बनाने में ही व्यस्त रहा और इस महामारी का सबसे बडा विस्फोट शहर में हो गया। एक दिन में 27 मरीजों के पॉजिटिव आने की संभवतः यह पहला मामला है, जबकि एक ही दिन में ढाई दर्जन मरीज एक साथ पॉजिटिव आऐ हों। जिस दिन सबसे अधिक मरीज पॉजिटिव आऐ हैं उसी दिन प्रशासन, जनप्रतिनिधियों ने मेरिज गार्डन संचालकों एवं व्यापारीगणों की मिटिंग स्थानिय विश्राम गृह पर भी बुलाई थी, जिसमें कई निर्णय लिए गए थे, लेकिन इतने अधिक मरीज आने के बाद भी धरातल पर प्रशासनिक सख्ती कुछ भी दिखाई नहीं दी। ऐसे में मरीजों की संख्या में दिनों-दिन इजाफा भी हो सकता है। यदि स्वास्थ्य विभाग एवं स्थानिय प्रशासन ने जल्द ठोस कदम नहीं उठाऐ तो तीसरी लहर का असर उज्जैन शहर के बाद नागदा में सबसे अधिक दिखाई दे तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।

महामारी की रोकथाम हेतु मास्क बेहद जरूरी, लेकिन क्या सिर्फ समझाईश से बनेगी बात
कोरोना जैसी सदी की सबसे भीषण महामारी से वर्तमान में देश, प्रदेश एवं शहर के नागरिक लड रहे हैं। चिकित्सकों ने इस महामारी से लडने हेतु मास्क को सबसे जरूरी बताया है। मास्क पहनने से स्वस्थ्य व्यक्ति संक्रमित होने से बच सकता है, वहीं यदि कोई संक्रमित व्यक्ति मास्क पहना है तो वह भी दुसरों को संक्रमित होने से बचा सकता है। बावजुद इसके प्रशासनिक सख्ती के अभाव में आज भी शहर में सैकडों नागरिक बिना मास्क के घुम रहे हैं। प्रशासन द्वारा पुराने बस स्टेण्ड पर चंद घंटों के लिए रोको-टोको अभियान चलाया जाता है, लेकिन उसका भी कोई बहुत ज्यादा असर दिखाई नहीं दे रहा है। ऐसे में प्रशासन भले ही स्पॉट फाईन न करें लेकिन शहर के विभिन्न स्थलों पर पाईंट लगाकर मास्क पहनने हेतु प्रेरित करना अत्यंत ही आवश्यक हो गया है।
औचक जांच में निकल रहे मरीज, वैक्सीन की दोनों डोज अत्यंत आवश्यक
मामले में जो जानकारी मिली है वह और भी चिंता बढाने वाली है। बताया जाता है कि औचक जांच के दौरान ज्यादातर मरीज पॉजिटिव निकल रहे हैं। ऐसे में कई लोगों को तो यह पता ही नहीं है कि वह कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं, तथा वह शहर में भी घुम रहे हैं। अमुमन हल्के लक्षण जिसमें सर्दी, जुकाम, बदन दर्द, हल्का बुखार आदि होने पर कोई भी व्यक्ति एकाएक कोरोना की जांच नहीं करवाता है। जबकि नऐ वेरिएंट के यही मुख्य लक्षण है। हालांकि इस बार राहत की बात यह भी है कि नऐ वेरिएंट में ऑक्सीजन की कमी किसी को भी नहीं हो रही है। ऐसे में गंभीर रूप से बीमारी नहीं जकड रही है लेकिन बावजुद इसके सावधानी रखना अत्यंत ही आवश्यक है। देखने में यह भी आ रहा है कि जिन लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है, उन्हें हल्के लक्षण ही आ रहे हैं तथा वह जल्द ही ठीक भी हो रहे हैं। ऐसे में वैक्सीन की दोनों डोज लगवाना भी अत्यंत आवश्यक है। जानकारी के मुताबिक शहर में 2800 लोगों ने अभी भी दुसरी डोज नहीं लगवाई है। ऐसे में वैक्सीनेशन पर भी अत्यधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।

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