नागदा जं.--शिक्षा के क्षेत्र में करियर बनाने वालो के लिए स्नेह में डीएड विशेष शिक्षा पाठ्यक्रम शुरू दिव्यांग बच्चों की शिक्षा को लेकर सुप्रीमकोर्ट के निर्णय पर देश के सभी विद्यालयों में विशेष शिक्षक नियुक्त करने की तैयारी

MP NEWS24-लायंस ऑफ नागदा की स्थाई परियोजना और देश की सर्वश्रेष्ठ संस्था के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित संस्था स्नेह में दिव्यांगजनों को शिक्षित करने वाले शिक्षको को तैयार करने हेतु स्नेह में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार के भारतीय पुनर्वास परिषद् से अनुमोदित पाठ्यक्रम को प्रारंभ किया गया है।

स्नेह के उप निदेशक प्रशासनिक एवं कोर्स समन्वयक महेशचन्द्र राठौर ने बताया कि संस्था स्नेह द्वारा दिव्यांगों की समावेशी शिक्षा पर सक्रीय कार्य करते हुए दिव्यांगों को पढ़ाने वाले शिक्षकों को भी तैयार किया जा रहा है। दिव्यांगजनों को स्थानीय स्तर पर पुनर्वास सुविधा नियमित रूप से मिले इस हेतु संस्थापक पंकज मारू द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर दिव्यांगजनों के लिए मानव संसाधन विकास कार्यक्रम के पाठ्यक्रम बनाने से लेकर उन्हें लागु भी किया जा रहा है द्य
सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर विशेष शिक्षकों की भर्तिया प्रारंभ
स्नेह संस्थापक पंकज मारू ने बताया कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के पारित होने के पश्चात् हर सरकारी एवं प्रायवेट स्कूल में भी एक विशेष शिक्षक का होना अनिवार्य किया गया है, जिससे इस क्षेत्र में युवाओ के लिए रोजगार के अवसर में भी वृद्धि होगी। रिट याचिका (सिविल) संख्या 132/2016 रजनीश कुमार पांडये की याचिका पर निर्णय देते हुए सुप्रीमकोर्ट ने देश के सभी राज्य सरकार एवं आयुक्त निःशक्तजन को प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में विशेष शिक्षकों की भर्ती करने का आदेश दिया है। सुप्रीमकोर्ट के इस निर्णय के बाद देश में लगभग 11 लाख सरकारी एवं 4 लाख प्राइवेट स्कूल में लगभग 10 लाख विशेष शिक्षकों की आवश्यकता है कितु देश में भारतीय पुनर्वास परिषद् से पंजीकृत विशेष शिक्षको की संख्या सिर्फ डेढ़ लाख है। इससे स्पष्ट है कि इस क्षेत्र में प्रशिक्षित लोगों की अत्यधिक कमी है और भविष्य में इसमें रोजगार की अपार सम्भावना है। स्कूल के अतिरिक्त विशेष बच्चों हेतु संचालित संस्थानों, जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र, समेकित क्षेत्रीय केंद्र, राष्ट्रीय संस्थानों एवं होम बेस्ड प्रोग्राम हेतु भी इन विशेष शिक्षकों की आवश्यकता होती है।
केवल भारतीय पुनर्वास परिषद् से मान्यता प्राप्त संस्थान ही संचालित करती है विशेष शिक्षा पाठ्यक्रम
पाठ्यक्रम समन्वयक राठौर के अनुसार दिव्यांगों के पुनर्वास एवं विशेष शिक्षा पाठ्यक्रम केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार के उपक्रम भारतीय पुनर्वास परिषद् नई दिल्ली द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान द्वारा ही संचालित किये जाते है। संस्था स्नेह में भी इस प्रकार के पाठ्यक्रम के तहत विशेष शिक्षक एवं पुनर्वास कार्यकर्ता को तैयार किये जाने हेतु दो वर्षीय डीएड विशेष शिक्षा बौद्धिक दिव्यांगता एवं 6 माह की अवधि हेतु समुदाय आधारित समावेशी विकास (सीबीआईडी) पाठ्यक्रम का संचालन किया जा रहा है।
प्रवेश हेतु ये है न्यूनतम अहर्ताए
दो वर्षीय डीएड विशेष शिक्षा पाठ्यक्रम में 35 सीटों एवं सीबीआईडी पाठ्यक्रम हेतु 40 सीटे उपलब्ध है। डीएड विशेष शिक्षा पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु कक्षा 12वी में किसी भी संकाय में 50 प्रतिशत अंको के साथ उतीर्ण अभियार्थी एवं सीबीआईडी पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु कक्षा 10वी के उतीर्ण अभियार्थी आवेदन कर सकते है।
दिव्यांगता के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए इन्होंने किया शहर के युवाओं का आह्वान
स्नेह के संस्थापक पंकज मारू, गोविन्द लाल मोहता, चन्द्रशेखर जैन, विनयराज शर्मा, पंकज पांवेचा, सुरेन्द्र सिंह चौहान, रवि कांठेड, अजय गरवाल, सलीम खान, कृष्णकांत गुप्ता, राकेश डाबी, मनोहरलाल शर्मा, स्नेह की डॉ. निति डेनियल, डॉ. विजेंद्रसिंह डोडिया, विप्लव चौहान आदि ने शहर के युवाओं से इस क्षेत्र में आकर करियर बनाने की अपील करते हुए अधिक जानकारी हेतु स्नेह में संपर्क करने का अनुरोध किया है।

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