नागदा जं--मुनाफा कमा रहा उद्योग, गरीबांं एवं जरूरतमंदों को निःशुल्क उपचार भी नहीं दे पा रहा

MP NEWS24-प्रति वर्ष करोड़ों मुनाफा कमाने वाला ग्रेसिम उद्योग के अधीन जन सेवा ट्रस्ट चिकित्सालय मे नागदा नगर व आसपास के क्षेत्र के नागरिकों को निशुल्क चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाए। इस संबंध में एक याचिका राजस्व न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी को 23 दिसंबर को प्रस्तुत की गई थी। याचिकाकर्ता सुबोध स्वामी के अभिभाषक संतोष साहू ने राजस्व न्यायालय में तर्क दिया था कि हजारों करोड़ का मुनाफा कमाने वाले उद्योग जिसके द्वारा बनाए गए ग्रेसिंम जन सेवा ट्रस्ट द्वारा क्षेत्र के नागरिकों से चिकित्सा सुविधा के एवज में मोटी रकम वसूली जाती है जबकि कोई भी ट्रस्ट सामाजिक उद्देश्यों के तहत बनाया जाता है और सामाजिक रचनात्मक कार्यों के उदेशों में यह स्पष्ट होता है कि समाज सेवा के तहत चिकित्सालय को संचालित किया जा रहा है लेकिन जन सेवा ट्रस्ट को उद्योग द्वारा कमाई का जरिया बना दिया गया है। याचिकाकर्ता स्वामी ने बताया कि 1 अप्रैल 1970 को जन सेवा ट्रस्ट का पंजीयन हुआ था तत समय जन सेवा ट्रस्ट के हुए पंजीयन के उद्देश में यह स्पष्ट है कि ट्रस्ट का निर्माण क्षेत्र के गरीब नागरिकों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने गरीबोँ की सहायतार्थ, क्षेत्र के नागरिकों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ट्रस्ट प्रतिबद्ध है वही महामारी युद्ध या किसी भी आपात स्थिति में जन सेवा ट्रस्ट डिस्पेंसरी खोल कर लोगों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध रहेगा।

लेकिन जब संपूर्ण देश कोरोना की महामारी से जूझ रहा था जनसेवा चिकित्सालय द्वारा किसी भी नागरिक को किसी प्रकार की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई। वहीं सैकड़ों नागरिक जो सीटी स्कैन कराने जनसेवा चिकित्सालय पहुंचे थे। उनसे मोटी रकम वसूली गई जो ट्रस्ट के दिए गए जो ट्रस्ट में वर्णित बिंदुओं से ठीक विपरीत है ऐसे में आमजन की सहायतार्थ एवं परोपकार के उद्देश्य से बनाए गए जन सेवा ट्रस्ट को कमाई का जरिया बनाने वाले जन सेवा ट्रस्ट प्रबंधन एवं ग्रेसिम उद्योग के अधिकारी पूर्णतः दोषी है। गुरूवार को याचिकाकर्ता द्वारा एसडीएम न्यायालय में 1 अप्रैल 1970 की जन सेवा ट्रस्ट की डीड प्रस्तुत की गई जिसमें इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि गरीब नागरिकों एवं योग्य नागरिकों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए इस ट्रस्ट का निर्माण किया गया है वर्तमान में गरीब हो या अन्य कोई भी बीमार व्यक्ति जनसेवा चिकित्सालय में मोटी रकम सबके साथ समान रूप से वसूली जाती है माननीय न्यायालय ने जन सेवा ट्रस्ट एवं ग्रेसिम उघोग प्रबंधन को नोटिस जारी करने के आदेश करते हुए आगामी तारीख 19 जनवरी नियत की गई है।

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