MP NEWS24- बिना लाईसेंस के उपज खरीदने के मामले में चौपाल सागर पर कृषि उपज मंडी द्वारा जुर्माने की कार्यवाही की गई थी, प्रकरण की सुनवाई मंडी बोर्ड भोपाल में चल रही है, मामले में निर्णय आता उसके पहले ही चौपाल सागर ने 38 लाख रुपए जुर्माने की राशि बोर्ड को जमा कराई। कृषि उपज मंडी द्वारा प्रदेश की अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही बताई जा रही है।आईटीसी कंपनी प्रायवेट लिमिटेड (चौपाल सागर) नागदा द्वारा बिना लाईसेंस के उपज खरीदने के मामले में कृषि उपज मंडी के सचिव मनोजकुमार खिंची के निर्देश पर 10 फरवरी 2021 को टीम गठित कर आकस्मिक निरीक्षण किया। टीम का दल प्रभारी सहायक उपनिरीक्षण गोपालकृष्ण कालरा को बनाया, जबकि टीम में रायसिंह गुर्जर, निर्मला सोलंकी, चेतन गुंजाल एवं अशोक शर्मा आदि शामिल थे। लगभग आठ घंटे से अधिक समय तक चले निरीक्षण के दौरान 11033 क्विंटल सोयाबीन बिना क्रय विक्रय लाईसेंस के अवैध पाई गई। टीम ने कार्यवाही कर चौपाल सागर के गोदाम को सील कर दिया और स्टॉक प्रतिबंधित कर दिया। सचिव खिंची के अनुसार आईटीसी पर मंडी शुल्क अपवंचन होना पाए जाने पर मंडी शुल्क का पांच गुना जुर्माना 38 लाख 47 हजार 915 रुपए का लगाया गया, वहीं अतिरिक्त निराश्रिम शुल्क 1 लाख 02 हजार 611 रुपए वसूली के लिए 5 मार्च 2020 को सूचना पत्र जारी किया। प्रकरण में सुनवाई के लिए आईटीसी ने मंडी बोर्ड भोपाल में अपील की थी। शुक्रवार को प्रकरण में मंडी बोर्ड न्यायालय भोपाल की निर्णय के पूर्व जुर्माने की राशि 30 लाख 78 हजार 332 रुपए जमा करा दिए। गौरतलब है कि कार्यवाही के दौरान चौपाल सागर के स्थानीय से लेकर प्रदेश के कर्मचारियों में हड़कंप मच गया गया था। चौपाल सागर के प्रदेश में 26 सेंटर संचालित है जिनके लाईसेंस के नवीनीकरण को के लिए आवेदन किया था लाईसेंस की वैधता फरवरी 2022 के अंत तक समाप्त होने वाली है ऐसे में यदि मंडी द्वारा जुर्माने की राशि जमा नहीं कराई जाती तो लाईसेंस नवीनीकरण की प्रक्रिया पर तलवार लटक सकती थी। शुक्रवार को मंडी कर्मचारियों ने मंडी सचिव खिंची का पुष्पमाला पहनाकर स्वागत किया।
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