MP NEWS24-लगभग ढाई वर्ष पूर्व 8 दिसम्बर 2019 को क्षेत्रीय सांसद अनिल फिरोजिया द्वारा इस आशय का वक्तव्य जारी किया कि उन्होने उज्जैन-अलोट संसदीय क्षेत्र के श्रमिको के लिये जो लोक सभा मे प्रश्न पूछा था उसका श्रममंत्री संतोष गंगवार द्वारा बतलाया गया था कि नियमित श्रमिक व ठेका श्रमिको कि कार्य प्रकृति एक जैसी है तो नये नियमो के अनुसार मजदूरी के घन्टे, अवकाश, कार्य कि दरे एक जैसी रहेगी। सांसद द्वारा जारी वक्तव्य में यह भी बतलाया गया था कि 4 उद्योगो मे कार्यरत 8066 ठेका श्रमिक कि सूची संसद में मुद्दा उठने के बाद प्रबंधन ने श्रम विभाग को सौपी। स्थाई नेचर का काम करने वाले श्रमिकों को नियमित वेतन और वर्गीकरण कि प्रक्रिया शुरू होगी। लेकिन ढाई वर्ष बीत जाने के बाद आज तक इस तरह कि कोई प्रक्रिया शुरू नही हुई है। जिसको लेकर सामाजिक कार्यकर्ता अभय चोपड़ा ने क्षेत्र कि जनता और मिडीया को भुलावे मे रखकर गुमराह करने का आरोप लगाया है।जारी प्रेस बयान में चोपडा ने बताया कि सहायक श्रम आयुक्त कार्यालय से उपरोक्त सूची सांसद फिरोजिया को प्राप्त हो गई थी तथा सांसद द्वारा यह भी बतलाया गया था कि सूची का परीक्षण का परीक्षण श्रम मंत्री कार्यालय से होगा, क्योकि सूची से यह पता नही चल रहा था कि कोन सा ठेका श्रमिक उद्योग मे स्थाई नेचर का काम कर रहा है ओर वेतन उसे स्थाई श्रमिक के मान से नही मिल रहा है। इसी तरह उक्त वक्तव्य मे सहायक श्रमायुक्त मेघना भट्ट का भी हवाला मजदूरों कि उस समय कि गई हड़ताल का हवाला देकर सूची बनाने का आदेश दिया था।
चोपड़ा ने आरोप लगाया कि षड़यंत्रपूर्वक श्रमिकों, नागदा कि जनता और मिड़ीया को गुमराह किया जा रहा है। नेताओ द्वारा मिडीया में हिट और रन कि पालीसी कि जा रही है। नागदा शहर के श्रमिको कि सांसद द्वारा दिये गये समाचारो के अनूरूप शीघ्रता शीघ्र परीक्षण का कार्य प्रारंभ किया जाय।
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