MP NEWS24-एनटीपीसी की जमीन पर आ रहे सोलर प्लांट का विरोध करना हास्यास्पद है, दिलीपसिंहजी गुर्जर खुद 20 सालो से विधायक है। इस बीच केन्द्र व राज्य में उनकी सरकार रही है। लेकिन उनके द्वारा न तो कभी उक्त भूमि पर कोई औद्योगिक ईकाई के लिये प्रयास किया गया और ना ही कभी उक्त भूमि को राज्य शासन को हस्तांतरण करने की कोई पहल की गई। अब जब उक्त जमीन पर 1 हजार मेगावाट की क्षमता का सोलर प्लांट आ रहा है तो गुर्जर व गुर्जर कांग्रेस पार्ट-2 इसके विरोध पर आमादा हो गई है। यह बात सांसद प्रतिनिधि प्रकाश जैन, पूर्व विधायक दिलीपसिंह शेखावत, मंडल अध्यक्ष सीएम अतुल ने प्रेस बयान में कही।नेताओ ने कहा है कि पहली बात तो ये की किसी भूमि को किसी अन्य विभाग को हस्तांतरित करने की प्रकिर्या आसान नही होती और अगर ऐसा था तो फिर उक्त भूमि 1992 में एनटीपीसी ने अधिग्रहण कर लिया था। उसके तत्काल बाद ही ये भी स्पष्ट हो गया था कि ये प्रोजेक्ट खटाई में पड़ गया है। उस समय आप खुद विधायक थे और प्रदेश में आपकी सरकार थी। आपने उस वक्त क्यों नहीं इस जमीन को राज्य सरकार को अधिगृहित करने या अन्य उपयोग के लिए हस्तांतरित करवाने का काम काम क्यो नही किया।
नेताओ ने कहा है कि आपने नारा दिया था एक वोट वीआरएस पर चोट, लेकिन ग्रेसिम उद्योग में यदि सर्वाधिक वीआरएस कभी हुए है तो वो आपके विधायकी कार्यकाल में हुवे हैं। आपके विधायक रहते ग्रेसिम का समझौता कभी 1100 रूपये से उपर नहीं जाता था। लेकिन 2014 के समझौते में जब परिस्थिति बदली तो समझौता 2400 तक की बढ़ोतरी पर लेकर गए, लेकिन आपके वापस विधायक बनते ही समझौते गिरकर उसी स्तर पर आ गया।
नेताओ ने कहा है कि आपने और मंत्री नरेंद्र नाहटा ने ग्रेसिम के निष्कासित श्रमिको को वापस काम पर रखवाने का वादा किया था लेकिन आज तक वो वादा अधूरा है। 2003 से 2013 तक अनुकंपा नियुक्ति का पत्र भी मामला नही हुआ। ये सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है। मगर इस पुरे मामले में विधायक होते हुए भी आप श्रमिक परिवारों को न्याय नहीं दिलवाया। इतनी सारी नाकामियों व उदासीनता के बाद आपको कोई हक नहीं कि आप सोलर प्लांट का विरोध करें।
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