नागदा जं.--पारा हुआ 41 के पार, दोपहर 1 से 5 बजे के बीच बाजारों में छाया सन्नाटा

MP NEWS24-इस वर्ष लगातार तेज गर्मी पड रही है। मौसम में हो रहे बदलाव का परिणाम है कि बीते कुछ वर्षो में गर्मी अपना काफी रोद्र रूप दिखा रही है। वहीं मौसम विभाग का अनुमान है कि इस वर्ष पारा 44 को भी पार कर सकता है। जबकि मध्यप्रदेश एवं खासकर मालवा क्षेत्र में इतनी अत्यधिक गर्मी कभी नहीं पडी। मौसम में हो रहे लगातार बदलाव के लिए कहीं नहीं कहीं इंसान ही जिम्मेदार है जो अपनी विलासीता भरी जिन्दगी को जिने के लिए लगातार प्रकृति एवं पर्यावरण के साथ खिलवाड कर रहा है। कभी मात्र पंखों में ही पुरी गर्मी के मौसम को निकालने वाले नागरिक आज कुलर एवं एयर कंडिशन के बीना रह नहीं पा रहे हैं। जिसका दुष्परिणाम भी प्रतिवर्ष झेलने पड रहे हैं, एयर कंडिशनर से निकलने वाली गैसों से कुछ समय के लिए तो आपका घर ठंडा हो जाता है लेकिन आने वाले दिनों के मौसम पर काफी विपरित प्रभाव डालता है।

मार्च-अप्रैल के महिने में ही सूर्य ने दिखाया रोद्र रूप
भीषण गर्मी में सूरज ने अपना रौद्र रुप दिखा रहा है। इससे पारा लगातार चढ़ता जा रहा है। मंगलवार को दोपहर का अधिकतम तापमान 41-42 डिग्री सेल्सियस रहा, जो इस दिन पिछले वर्ष की तुलना में 2-3 डिग्री अधिक था। अप्रैल माह में मई-जून के मुकाबले इस बार भीषण गर्मी पड़ रही है। दिन बढ़ने के साथ-साथ लू के थपेड़े लोगों को परेशान कर रहे हैं। आलम यह है कि लोगों को चेहरे पर कपड़ा बांधकर एवं छाता लेकर घर से निकलना पड़ रहा है। दोपहर के समय सड़कों पर आवाजाही कम देखी जा रही है। शहर के मुख्य बाजारों और चौराहों पर सन्नाटे की स्थिति दिख रही है। मंगलवार को दिन का अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस से अधिक रिकार्ड किया गया। सूरज की तपिश इतनी बढ़ गई है कि सुबह 9-10 बजे से ही धूप झुलसाने लगती है।
गर्मी के दिनों में इन बातों का रखें ख्याल
गर्मी के दिनों में कुछ बातों का ख्याल रखकर आप अपने स्वास्थ्य की देखभाल कर सकते हैं। जैसे की तापमान अधिक होने पर धूप में लंबे समय तक रहने से बचें, धूप में निकलते समय छतरी का उपयोग करें,सुबह दस बजे से शाम चार बजे के बीच धूप में जाने से बचें। गर्मी में बाहर निकलने से पहले सुनिश्चित कर लें कि आप ठीक से हाइड्रेटेड हैं या नहीं. गर्मियों में पानी की जरूरत सर्दियों के मुकाबले 500 मिलीलीटर अधिक होती है। गर्मी के मौसम में ठोस आहार की जगह तरल पेय पदार्थ जैसे ठंडा पानी, नींबू शिकंजी, शरबत, कैरी का पना, फलों का रस, छाछ, लस्सी ज्यादा मात्रा में लें। इऩ सभी चीजों से शरीर में तरावट बने रहने के साथ शरीर में ऊर्जा का स्तर भी बना रहता है। समर ड्रिंक्स को ताजा और ठंडा होना चाहिए जैसे कि पन्ना, खसखस, गुलाब जल, नींबू पानी, बेल शरबत और सत्तू का शरबत आदि। गर्मी में खुद को कूल रखने के लिए हल्के रंग के कपड़ों का उपयोग करें, हल्के रंग आंखों को ठंडक पहुंचाते हैं। इस मौसम में पहनने के लिए कॉटन, शिफॉन, जॉर्जेट, क्रेप जैसे पतले और हलके कपड़ों का चुनाव करें। गर्मियों में कोशिश करें कि हल्का, ताजा और जल्दी पचने वाला भोजन डाइट में शामिल करें। भूख से कम खाएं और ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। गर्मियों में पर्याप्त मात्रा में नींद लेने की कोशिश करें. नींद पूरी न होने पर थकान बनी रहती है, जो अनावश्यक चिड़चिड़ाहट को जन्म देती हैं।

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