नागदा जं.--लैंक्सेस उद्योग के 800 श्रमिकों के हितलाभ एवं वेतनवृद्धि का समझौता हुआ या नही ? इंटक ने कहा समझौता संपन्न, वहीं अन्य श्रम संगठन अभी चर्चारत बता रहे


MP NEWS24-औद्योगिक शहर नागदा में संचालित होने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनी लैंक्सेस में कार्यरत स्थायी एवं ठेका श्रमिकों के वेतनवृद्धि व हितलाभ का पांच सालाना समझौता विगत लम्बे समय से पचडे में पडा हुआ है। इंटक के पदाधिकारियों द्वारा गतदिनों समझौत संपन्न हो जाने की बात कही थी वहीं उद्योग में कार्यरत अन्य श्रम संगठनों द्वारा समझौता वार्ता निरंतर चलने की बातें सामने आई थी। वहीं सूत्र बता रहे हैं कि समझौता लगभग हो चुका है लेकिन श्रम संगठनों की आपसी खींच-तान में उलझा हुआ है। ऐसे में श्रमिकों को समझौते के तहत मिलने वाले हितलाभों एवं वेतनवृद्धि में देरी हो रही है।

क्या है मामला
नागदा की बहुराष्ट्रीय कंपनी लैंक्सेस की स्थानीय इकाई में ठेका श्रमिकों के पांच सालाना वेतनवृद्धि समझौते को लेकर प्रबंधन और ट्रेड यूनियनों के बीच 10 माह से चल रही चर्चाएं अंतिम दौर में पहुंच गई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि, सप्ताह के अंत तक उद्योग में कार्यरत 800 श्रमिकों का वेतनवृद्धि समझौता संपन्न होगा। ट्रेड यूनियनों और प्रबंधन के बीच सहमति बनती हुई भी दिखाई दे रही है। समझौते का अंतिम ड्राफ्ट भी तैयार है। उद्योग के यूनिट हेड संजय सिंह के दौरे से लौटने का इंतजार किया जा रहा है। अंतिम समझौता शर्तों के मसौदे में श्रमिकों के कैंटन अलाउंस के साथ ही ग्रेच्युटी, दुर्घटना बीमा, सामान्य मौत, श्रमिकों को देय अन्य अलाउंस में बढ़ोतरी के अलावा वेतनवृद्धि भी सम्मानजनक करने का दावा किया गया है।
दो ट्रेड यूनियनों में टकराव से लंबित हुआ समझौता
बीते 8 मार्च को उद्योग में गतिशील ट्रेड यूनियन इंटक (ग्रेसिम मजदूर संघ) की ओर से मीडिया को जारी बयान में कहा गया था कि, प्रबंधन व यूनियनों के मध्य बातचीत के बाद वेतनवृद्धि का समझौता संपन्न हो गया है। इंटक ने समझौते में श्रमिकों के हक में प्रबंधन से स्वीकृत कराई गई शर्तों की जानकारी भी लिखित बयान मीडिया को जारी कर दी थी। लेकिन प्रबंधन और उद्योग में कार्यरत अन्य अधिकृत श्रम संगठन भारतीय मजदूर संघ ने देर शाम ग्रेसिम मजदूर संघ द्वारा समझौता मसौदे पर आपत्ति लेकर समझौता वर्ता गतिशील होने की बात कहकर यह कहा था कि, 8 मार्च तक वेतनवृद्धि की शर्तों पर ही सहमति बनी थी। ग्रेच्युटी, दुर्घटना बीमा श्रमिकों को अन्य अलाउंस सहित विभिन्न प्रस्तावों पर समझौता वार्ता जारी रहने की बात कही थी। ऐसे में दो श्रम संगठनों की वर्चस्व की लडाई में श्रमिकों को समझौते के तहत मिलने वाले हितलाभों में देरी हो रही है। जिसको लेकर श्रमिकों में अब आक्रोश भी पनपने लगा है।

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