MP NEWS24-लायंस ऑफ़ नागदा की स्थाई परियोजणा एवं देश की सर्वश्रेष्ठ संस्था के राष्ट्रीय पुरूस्कार से सम्मानित संस्था स्नेह द्वारा शनिवार को विश्व ऑटिज़्म जागरूकता दिवस मनाया जावेगा। स्नेह संस्थापक पंकज मारू ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने साल 2007 में 2 अप्रैल को विश्व ऑटिज़्म जागरूकता दिवस की घोषणा की थी। इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा थीम के रूप में समावेशी शिक्षा का नारा दिया गया है। स्नेह में इस अवसर पर ऑटिज्म से सम्न्धित पोस्टर प्रदर्शनी एवं नाटक का मंचन बच्चों और स्टाफ द्वरा किया जावेगा एवं इससे सम्बंधित विविध जानकारियां प्रदान की जावेगी। स्नेह में वर्तमान में ऑटिज्म से पीड़ित 12 बच्चे उपचार का लाभ ले रहे है जिनमें लगातार सुधार हो रहा है।क्या होते है ऑटिज्म के लक्षण
स्नेह में इस विषय के विशेषज्ञ और ऑक्यूपेशनल थेरापिस्ट डॉ. सपना राठौर ने बताया कि ये एक दिमाग के डवलपमेंट के दौरान होने वाला विकार है। इसमें बच्चा अपनी ही धुन में रहता और जीता है। बच्चे में ऑटिज़्म के लक्षण तीन साल की उम्र में ही नजर आने लगते हैं। ऐसे बच्चों का विकास सामान्य बच्चों की मुताबिक काफी अलग होता है। इससे बच्चे का सामाजिक व्यवहार प्रभावित होता है। ऑटिज़्म के शिकार बच्चे एक ही काम को बार-बार दोहराते हैं। कई बच्चों में एक डर सा दिखाई देता है तो कुछ बच्चे जल्दी से प्रतिक्रिया नहीं देते। बच्चे जल्दी से दूसरों से आई कॉन्टेक्ट नहीं कर पातेद्य भाषा को सीखने-समझने में भी इन्हें दिक्कत आती हैं। इस विकार से जूझ रहे बच्चे दूसरे लोगों के साथ घुलने-मिलने से कतराते हैं। ऐसे बच्चे किसी भी विषय पर अपनी प्रतिक्रियाएं देने में भी काफी समय लेते हैं।
क्यों होता है ऑटिज्म
माना जाता है कि, प्रेग्नेंसी के दौरान अच्छा खानपान ना होने के कारण भी बच्चे ऑटिज्म का शिकार हो जाते हैं। बच्चे का दिमाग ठीक से विकसित नहीं होने के कारण भी वो इस विकार का शिकार हो जाते हैं। सेंट्रल नर्वस सिस्टम को नुकसान होने के कारण मुख्य तौर पर ऑटिज्म होता है।
स्नेह में इस अवसर पर ऑटिज्म से सम्न्धित पोस्टर प्रदर्शनी एवं एक नाटक का मंचन बच्चों और स्टाफ द्वरा किया जावेगा। स्नेह में वर्तमान में ऑटिज्म से पीड़ित 12 बच्चे उपचार का लाभ ले रहे है जिनमें लगातार सुधार हो रहा है। विश्व ऑटिज़्म जागरूकता दिवस कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील स्नेह के विनयराज शर्मा, विजय पोरवाल, गोविन्द मोहता, रवि कांठेड, पंकज पावेचा, सुरेन्द्रसिंह चौहान, महेश चन्द्र राठौर, विप्लव चौहान आदि ने की है।
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