नागदा जं.--बजरंग दल नेता राकु हत्याकाण्ड में आरोपी बनाए गए कांग्रेस नेता कमल आर्य,यशवंत आर्य और विजय पटेल का राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस ने हटाया एफआईआर से नाम पुलिस की कार्रवाई के विरोध में समस्त हिन्दु समाज ने दिया मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन, सीबीआई जांच की मांग


MP NEWS24--बहुचर्चित बजरंग दल के जिला सुरक्षा प्रमुख राकु चौधरी हत्याकाण्ड मामले में पुलिस ने चार्जशीट न्यायालय में पेश कर दी है। मगर मृतक के परिजनों व हिन्दू समाजजनों ने पुलिस कार्रवाई से असंतोष जाहिर किया है। मंगलवार को सर्व हिन्दू समाज द्वारा मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन एसडीएम आशुतोष गोस्वामी को सौंपा है जिसमें पुलिस पर सांठगांठ व राजनीतिक दबाव के चलते मुख्य तीन आरोपी कांग्रेस के विधानसभा अध्यक्ष कमल आर्य, यशवंत आर्य व विजय पटेल का नाम एफआईआर से हटाने का आरोप लगाते हुए मामले की सीबीआई से जांच की मांग की है। इससे पहले समाजजन बिरलामंदिर से एसडीएम कार्यालय तक रैली के रूप में पहुचे।

ज्ञापन के माध्यम से की सीबीआई जांच की मांग
समस्त हिन्दु समाज के बैनतले सौंपे गए इस ज्ञापन में बताया गया कि 29 दिसम्बर 2021 को बजरंग दल के जिला सुरक्षा प्रमुख राकु उर्फ राकेश पिता रमेशचन्द्र चौधरी की षडयंत्र रचकर, सुपारी देकर तरूण शर्मा के माध्यम से गोली मार कर हत्या करवाई गई जिसमें षडयंत्रकारी युवक कांग्रेस विधानसभा नागदा-खाचरौद के निर्वाचित अध्यक्ष कमल पिता सेवाराम आर्य एवं उसका भाई यशवंत आर्य व रिश्तेदार विजय पटेल सम्मिलित थे। उक्त आरोपीयों की नामजद एफआईआर नागदा थाना में दर्ज की गई। उक्त आरोपीयों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार नहीं किया एवं ना ही पुलिस थाने में बुलाकर उनसे पुछताछ की गई। घटना के समय से ही यह लोग फरार चल रहे थे। उक्त केस का 26 मार्च 2022 को न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया एवं अभियोग पत्र में उपरोक्त तीनों आरोपीयों के विरूद्ध कोई साक्ष्य नहीं मिलने का उल्लेख करते हुए उनका नाम प्रकरण से पृथक कर दिया गया है।
प्रदेश का पहला मामला जिसमें पुलिस ही आरोपीयों को दे रही क्लीन चिट
ज्ञापन में कहा गया कि आरोपीगण अपराध में संलिप्त थे अथवा नहीं इसका निर्णय न्यायालय द्वारा किया जाता है यह प्रदेश का पहला प्रकरण है जिसमें पुलिस द्वारा ही आरोपीयों को दोष मुक्त कर दिया गया है। पुलिस द्वारा अभियोजन साक्ष्य को एकत्र कर केस को आरोपीयों के विरूद्ध मजबूत करना था इसके विपरित केस को कमजोर किया गया तथा पुलिस द्वारा नाम निकालने की नियत से आरोपीयों के पक्ष में झुठे साक्ष्य एकत्रित करे एवं मात्र कॉल डिटेल 21 से 29 दिसम्बर 2021 तक के आधार पर आरोपीयों को प्रकरण से पृथक कर दिया गया है। जबकि दो मुख्य आरोपी आर्य आर्य, उसका छोटा भाई की कॉल डिटेल उनके पिता यशवंत आर्य व कमल आर्य की कॉल डिटेल से चैक नहीं की गई। आरेापीगण एवं षडयत्रकर्ता एक ही घर में निवास करते हैं इसकारण कॉल डिटेल कोई महत्व नहीं रखती है पुलिस ने इस बिन्दु को नजर अंदाज कर आरोपीयों को फायदा पहुॅंचाया जबकि सीएसपी ने घटना के समय आर्य के पिता को भी घटना में सलिप्त होना माना था।
चश्मदीद गवाह ने बताया घटनास्थल पर मौजुद थे आरोपी
ज्ञापन में यह भी बताया गया है कि घटना वक्त घटना स्थल पर उपस्थित चश्मदीद गवाह राजु उर्फ राधेश्याम चौधरी पिता बद्रीलाल चौधरी ने पुलिस को दिए गए कथन में स्वयं को घटनास्थल पर मौजुद होना बताया है एवं आरोपी तरूण शर्मा के हाथ में पिस्टल होना और यशवंत आर्य, विजय पटेल और कमल आर्य के नाम लेकर बदला पुरा हो गया भागते देखना बताया है। प्रथम सूचना रिर्पोट दर्ज कराने वाले फरियादी राजू चौधरी पिता रमेशलाल चौधरी द्वारा प्रथम सूचना रिर्पोट में उपरोक्त तीनों नाम का उल्लेख किया है। आरोपीगण के कार्यालय के सामने के सीसीटीवी फुटेज एवं पुलिस द्वारा नगर सुरक्षा हेतू लगाए गए कैमरे में भी सारे आरोपीगण एक ही स्थान पर षडयंत्र रचते हुए दिख रहे हैं उक्त कैमरों का सीसीटीवी फुटेज थाने में सुरक्षित रखा हुआ है।
आर्य परिवार से मंदिर की जमीन को लेकर था विवाद
ज्ञापन में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि कमल आर्य एवं उसके परिवार के खिलाफ मृतक राकु चौधरी के मध्य मंदिर की जमीन के विवाद को लेकर हुए आपसी रंजीश में कई अपराधिक प्रकरण दर्ज हुए हैं एवं पुलिस में भी शिकायत आवेदन दोनों पक्षों द्वारा दिए गए है। उपरोक्त तीनों आरोपीगण पूर्व में भी कई अपराधिक व शासकीय जमीन पर कब्जा करने के प्रकरण हैं और अपने राजनैतिक रिश्तेदारों, दबंगई व पैसों के बल पर आये दिन शासकीय जमीन पर भुमाफियाओं की तरह कब्जा करते रहते हैं आरोपी कमल आर्य के भाई विजय पटेल पर हत्या का मुकद्मा पूर्व से ही विचाराधीन है।
ज्ञापन में बताया गया है कि बजरंग दल पदाधिकारी की हत्या के पूर्व में भी एक शासकीय भूमि पर मंदिर बना हुआ था जो कि कमल आर्य एवं उसके परिवारजन द्वारा जबरन मंदिर को तोडा जा रहा था, जिससे हिन्दु समाज की आस्था को ठेस ना पहुॅंचे इसलिए बजरंग दल पदाधिकारी राकु द्वारा मंदिर तोडने के लिए कमल आर्य को रोका गया जिसमें कमल आर्य द्वारा राकु पर हमला किया गया जिसमें थाने में भी कांग्रेस नेता एवं उसके परिवार एवं साथीगण पर दो से तीन बार हमले का प्रकरण दर्ज है, उस हमले के बाद ही कमल आर्य द्वारा बोला गया कि हमारे क्षेत्र में रहता है हमारे खिलाफ जा रहा है तुझे में कभी भी मरवा दूंगा।
सुपारी देकर करवाई हत्या
ज्ञापन में कहा गया कि कमल आर्य और उसके परिवारजनों से मंदिर की भूमि का विवाद चल रहा था जिसके रंजिश के तहत कमल आर्य द्वारा तरूण शर्मा को सुपारी देकर राकु चौधरी की हत्या करवाई गई है लेकिन रूपये व दबंगई व राजनैतिक दबाववश स्थानीय पुलिस अधिकारियों द्वारा उसके परिवारजन पर नामजद एफआईआर होने के बावजुद भी उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया और न्यायालय में प्रस्तुत अभियोग पत्र में उनके नाम पृथक कर दिए गए हैं प्रशासन द्वारा अभी तक इनके विरूद्ध शासकीय भूमि पर अवैध निर्माण तोडने हेतु प्रशासन द्वारा अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जबकि बजरंग दल पदाधिकारियों को आश्वस्त किया गया था कि अवैध निर्माण गिराये जाएंगे तथा शासकीय भूमि से इनके अवैध कब्जे छुडाये जाऐंगे लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
यह कि मांग
ज्ञापन के माध्यम से हिन्दु समाज द्वारा मांग की गई कि बजरंग दल सुरक्षा प्रमुख राकु चौधरी हत्याकांड के नामजद मास्टर माईन्ड, षडयंत्रकारी आरेापी युवक कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष कमल आर्य एवं उसके भाई यशवंत आर्य, विजय पटेल को आर्थिक सांठगांठ एवं राजनैतिक दबाववश प्रकरण से नाम निकालने के संबंध में सीबीआई जांचकर आरोपीयों को गिरफ्तार करने व दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही कर बजरंग दल पदाधिकारी राकु चौधरी को न्याय दिलया जावे नही ंतो हिन्दु समाज को आंदोलन के लिए बाध्य होना पडेगा।
यह थे मौजुद
ज्ञापन देते समय रमेश प्रजापत, अजय जाटवा, मोनु ठक्कुर, भगवान, समरथ, नरेन्द्र, युवराज, प्रकाश, देवेन्द्र सेन, दुर्गेश राठौड, जगदीश, बन्टी, भारत, धीरज, हर्ष, गोपाल, मनीष चौहान, रमेश, चिन्टु रोहित, सार्थक, वैभव, कालू चौधरी, कमल, महेश, संदीप, हेमु चंदेल सहित बडी संख्या में हिन्दु समाजजन मौजुद थे।

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