MP NEWS24-नगर पालिका नागदा का एक अप्रैल से नई पाइप लाइन से जल प्रदाय करने का निर्णय शहर वासियों के लिए जल संकट बनकर खड़ा हो गया है। बीते तीन दिनों में ही ऐसा हालत बन गए हैं कि शहर के कई वार्डों में दो बाल्टी पानी भी लोगों को नहीं मिल रहा है। शहर के गली-मोहल्लों में माताऐं-बहनें घर के बाहर नलों पर घंटों बैठी हुई देखी जा सकती है। वहीं एसडीएम एवं मुनपा अधिकारी की ने परिस्थितियों को जाने बगैर ही शहर में संचालित 220 नलकुपों को भी एक साथ बंद कर दिया है। हालांकि कुछ प्रभावशाली लोगों के क्षेत्र के नलकुपों को पुनः प्रारंभ भी कर दिया गया।कांग्रेस नेता आज करेंगे नपा कार्यालय का घेराव
पेयजल संकट को देखकर शहर कांग्रेस अध्यक्ष राधे जायसवाल सोमवार को नपा कार्यालय पर आंदोलन करने की तैयारी में हैं। मामले को लेकर जायसवाल ने एक प्रेस बयान जारी किया है। जिसमें नपा के एक समय जल प्रदाय करने के निर्णय को गलत ठहरा है। वहीं कृत्रिम रूप से अधिकारियों द्वारा उत्पन्न किए गए पेयजल संकट को तत्काल सुलझाते हुए शहर में पूर्व के समान पेयजल वितरण व्यवस्था को लेकर कार्यालय का घेराव करने का ऐलान किया है। वहीं जिला कार्यकारी अध्यक्ष सुबोध स्वामी ने परेशानी को लेकर कहा है कि नपा द्वारा जिन इलाकों में सुबह 5 बजे सप्लाई का समय निर्धारित किया था। वहां दोपहर डेढ़ बजे लोगों को पेयजल सप्लाई किया जा रहा है।
नवीन लाईन प्रांरभ हुई नहीं और बंद कर दिए ट्यूबवेल
नपा द्वारा नई पाइप लाइन से सप्लाई सुचारू होने के बाद ही ट्यूबवेल पर बंद करने का निर्णय लेना था, लेकिन नई व्यवस्था लागू होने के पूर्व नपा द्वारा ट्यूबवेल बंद कर दिया गया है। परेशानी यह भी है कि जिन क्षेत्रों में नपा ने नई पाइप लाइन नहीं डाली है वहां भी पुरानी लाइन को बंद कर क्षेत्र के लोगों को पानी के लिए मोहताज किया जा रहा है।
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नेताओं ने गुप्त मिटिंग कर दी है जनता को परेशान करने की सहमती ?
गौरतलब है कि नगर पालिका द्वारा गोपनीय रूप से आहुत बैठक में क्षेत्र के कई सत्ताधारी दल से जुडे नेता उपस्थित थे। बैठक में एक समय पेयजल वितरण करने तथा शहर के सभी नलकुपों को बंद करने की रणनीति को अंजाम दिया गया। इसके पीछे नेताओं की सोच है कि जब तक जनता परेशान नहीं होगी तब वह उन्हें नहीं पुछेगी। ऐसे में ओछी रानजीति एवं स्वयं को पूजवाने के लिए शहर में कृत्रिम जल संकट अधिकारियों के माध्यम से उत्पन्न किया गया है। इन खेलों को जनता भली-भांति समझ रही है तथा आने वाले दिनों में इसका जवाब भी बखुबी देगी।
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भ्रष्ट्राचार के लिए करोडों के कार्य स्वीकृत, जनता को सुविधा देने वाले नलकुप बंद
शहर में इस बात की चर्चा भी जोरों पर है कि राजनेताओं एवं अधिकारियों को जहॉं कमिशन मिलता है वह कार्य वह पहले करते हैं, ऐसा ही उदाहरण टंकियों के समीप सम्पवेल बनाना है, जिसमें लाखों-करोडों के वारे न्यारे अधिकारी एवं नेता हुए हैं। वहीं जो नलकुप जनता को सुविधा दे रहे थे उन्हें नेताओं ने अधिकारियों के माध्यम से बंद करवा दिया। जिससे की पेयजल के लिए जनता दर-दर की ठोकरें खाऐ।
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