MP NEWS24-खरमास की समाप्ति के बाद एक बार फिर शुभ विवाह का दौर प्रारंभ हो गया है। विगत दो वर्षो से चली आ रही कोरोना महामारी के खत्म होने के बाद यह दो वर्षो में यह पहला अवसर है जब शुभ मुर्हुत में लोग धुमधाम से शुभ विवाह संपन्न करना चाहते हैं, लेकिन कमरतोड महंगाई के चलते बेटे-बेटियों की सभी इच्छाओं को पुरा करने में असमर्थ भी दिखाई दे रहे हैं। इसका नतीजा है कि लोग या तो बजट में कटौती कर रहे हैं या फिर डेस्टिनेशन वेडिंग में सीमित लोगों को आमंत्रित कर रहे हैं।
वर्तमान में शादियों में खाना पकाने के लिए उपयोग होने वाले व्यवसायिक सिलेंडर से लेकर किराना, सब्जी और फलों के दाम आसमान छू रहे हैं। इसके अलावा साज-सजावट में इस्तेमाल होने वाले फूलों के दाम भी दोगुना तक हो चुके हैं। मजदूरी महंगी होने के कारण बैण्ड-बाजा की जगह डीजे ने ले ली है। शहनाई वादक जो एक शादी के लिए सात हजार लेते थे अब वे 11 से 15 हजार रूपये मांग रहे हैं। शादी के सीजन में अच्छी कमाई करने वाले कैटरिंग संचालक, फ्लावर डेकोरेटर, बैण्ड संचालक से लेकर वाटिकाओं तक पर इस महंगाई की मार पडी हैं। इस व्यापार से जुडे जानकारी की मानें, तो लोग शादियॉ ंतो कर रहे हैं लेकिन अब बजट में कटौती भी हो रही है। संपन्न लोग डेस्टिनेशन वेडिंग को प्राथमिकता दे रहे हैं, क्योंकि उसमें घर-विवाह सहित सिर्फ नजदीकी लोग ही शामिल होते हैं। इसके अलावा डेस्टिनेशन वेडिंग के चलन से समाज में चर्चा का विषय बन जाते हैं।बैण्ड, डीजे, शहनाई और बग्धी भी महंगे
बिना बैंड के बारात की कल्पना ही नहीं की जा सकती है, लेकिन महंगाई ने बैंड बाजार पर भी मार की है। बैंड संचालकों के अनुसार बारातों में डीजे आने से उनके कारोबार पर असर पडा है। दरअसल बैंड में बाजों के लिए 31 हजार और लाईटिंग के लिए 15 जार रूपये लिए जाते थे। कुल मिलाकर 45 से 50 हजार रूपये का पैकेज होता था। अब डीजे में सिर्फ 30 हजार रूपये में गानों के साथ ही लाइटिंग का पैकेज होता है। शहनाई के लिए भी सात हजार रूपये के रेट बढकर अब 11 हजार रूपये हो चुके हैं। बग्गी पहले पांच हजार रूपये में होती थी, लेकिन इसका किराया भी 10 से 11 हजार रूपये हो चुका है। इसमें भी सिर्फ एक घोडा रहता है। दो घोडों की बग्गी के लिए अब 15 हजार रूपये तक लिए जा रहे हैं।
केटरिंग करना भी हुआ महंगा
इस समय व्यवसायिक सिलेंडर के दाम 2465.60 रूपये चल रहा है। एक शादी में आमतौर पर 10 से 12 सिलेंडर लग जाते हैं। इसके अलावा किराने, फल, सब्जी, दुध, दही, पनीर के दाम 30 प्रतिशत तक बढ चुके हैं। कैटरिंग में ठेका व्यवस्था होती है, जिसके तहत कैटरिंग संचालक को स्वयं ही सामान की व्यवस्था कर व्यंजन बनाने होते हैं। इसमें उन्हें मजदूरों व सामान की ढुलाई के लिए लोडिंग वाहन की जरूरत भी होती है। ऐसे में पनीर की सब्जी, मिक्स वेज, छोले या दम आलू, दाल, चावल, दही-बडा, पूडी, तंदुरी रोटी, सलाद, पापड, मिठाई, आईस्क्रीम वाली 400 से 450 रूपये वाली प्लेट के दाम अब 550 से 600 रूपये तक पहुॅंच रहे हैं।
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