MP NEWS24-फिजूलखर्ची के नाम पर पूरे प्रदेश मे मशहूर नगर पालिका नागदा रोज जनता की संचित निधि विकास के नाम पर लूटने के नये नये कीर्तिमान बना रही है। चंबल बचाओ आंदोलन के संयोजक दिनेश दुबे ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी ओर इंजीनियर्स पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है मुख्य नगर पालिका अधिकारी ओर इंजीनियर्स ने मिलकर पूरी नगर पालिका को विकास के नाम पर बडी बेरहमी से लूट लूट कर कंगाल बना दिया है, आज नौबत यह आ गई है कि नगर पालिका की संचित निधि को भी बिना प्लानिंग के विकास के नाम पर लूटा जा रहा है। जल आवर्धन योजना के अंतर्गत पानी की टंकियो को सीधे भरने का प्रावधान है। शहर मे चंबल सागर मार्ग मुक्तेश्वर महादेव मंदिर के पास बनी पानी की 9 लाख लीटर की टंकी, मेहतवास में 3 लाख लीटर की टंकी एवं भार्गव कालोनी मोदी खेल परिसर के पास बनी 14 लाख लीटर की पानी की टंकियो को सीधे पाईप लाईन के द्वारा बिना समवेल टैंक के भरा जा रहा है। इससे यह स्पष्ट है कि समवेल टैंक की जरूरत नही थी। बावजूद इसके शहर मे पेयजल के नाम पर लगभग 3 करोड रूपये की लागत से 3 समवेल लगभग 9-10 करोड रूपये के बनाये गये है। कभी प्लास्टिक की बोतल मे लाखो रूपये के पौधे लगाकर, कभी उत्कृष्ट रोड के पास उल्टा नाला बना कर, कभी गार्डन के नाम पर, कभी स्वच्छता के नाम पर शहर की दीवाले पौत कर स्वच्छता संदेश देने के नाम पर संचित निधि का दुरूपयोग कर जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है।
नागदा जं.--जब परिषद ही नही है तो नपा मनमानी कर जनता की संचित निधि को कैसे लूट सकती है
MP NEWS24-फिजूलखर्ची के नाम पर पूरे प्रदेश मे मशहूर नगर पालिका नागदा रोज जनता की संचित निधि विकास के नाम पर लूटने के नये नये कीर्तिमान बना रही है। चंबल बचाओ आंदोलन के संयोजक दिनेश दुबे ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी ओर इंजीनियर्स पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है मुख्य नगर पालिका अधिकारी ओर इंजीनियर्स ने मिलकर पूरी नगर पालिका को विकास के नाम पर बडी बेरहमी से लूट लूट कर कंगाल बना दिया है, आज नौबत यह आ गई है कि नगर पालिका की संचित निधि को भी बिना प्लानिंग के विकास के नाम पर लूटा जा रहा है। जल आवर्धन योजना के अंतर्गत पानी की टंकियो को सीधे भरने का प्रावधान है। शहर मे चंबल सागर मार्ग मुक्तेश्वर महादेव मंदिर के पास बनी पानी की 9 लाख लीटर की टंकी, मेहतवास में 3 लाख लीटर की टंकी एवं भार्गव कालोनी मोदी खेल परिसर के पास बनी 14 लाख लीटर की पानी की टंकियो को सीधे पाईप लाईन के द्वारा बिना समवेल टैंक के भरा जा रहा है। इससे यह स्पष्ट है कि समवेल टैंक की जरूरत नही थी। बावजूद इसके शहर मे पेयजल के नाम पर लगभग 3 करोड रूपये की लागत से 3 समवेल लगभग 9-10 करोड रूपये के बनाये गये है। कभी प्लास्टिक की बोतल मे लाखो रूपये के पौधे लगाकर, कभी उत्कृष्ट रोड के पास उल्टा नाला बना कर, कभी गार्डन के नाम पर, कभी स्वच्छता के नाम पर शहर की दीवाले पौत कर स्वच्छता संदेश देने के नाम पर संचित निधि का दुरूपयोग कर जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है।
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