MP NEWS24- नगरीय निकाय चुनाव में राष्ट्रीय दल भाजपा और कांग्रेस दोनो बीना घोषणा पत्र चुनाव लड़कर जनता को गुमराह करके नपा में विजय पाना चाहते है। जबकि बगैर घोषणा पत्र के चुनाव प्रचार का कोई औचित्य नही है। घोषणा पत्र के आधार पर चुनाव होते है तो फिर घोषणा पत्र का क्रियान्वयन राजनैतिक दलो कि मजबूरी हो जाता है और जनता को भी अपना मत देने में घोषणाओ कि तुलना करने मे काफी समय मिल जाता है।नागारिक अधिकार मंच ने चुनाव चिन्ह के वितरण के साथ ही अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया था। राजनैतिक दल नागरिक अधिकार मंच की घोषणा को देखकर अपना घोषणा पत्र जारी करने कि हिम्मत नही कर पा रहे है। उक्त आरोप नागरिक अधिकार मंच के अध्यक्ष अभय चोपड़ा और संयोजक शैलेन्द्र चोहान एडव्होकेट ने जारी प्रेस विज्ञप्ति मे लगाया।
मंच के पदाधिकारियों ने बताया कि जनता जनसम्पर्क कर रहे राजनेताओं और उम्मीदवारो से घोषणा पत्र कि मांग करे। राजनैतिक दल जनता को गुमराह करने और घोषणा पत्र जारी नहीं करने के लिये एक दूसरे पर अर्नगल व गन्दे आरोप लगाकर चुनाव जीतना चाहते है, और आखरी समय पर घोषणा पत्र जारी कर जनता को पूरा अक्सर देना नही चाहते। उन्होंने मिडीया से भी अनुरोध है कि राजनेतिक दलो को जनहित मे शीघ्र घोषणा पत्र जारी करे। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की पूर्व परिषद में व्याप्त गबन और भ्रष्टाचार के चलते एवं कांग्रेस अपनी निष्क्रियता के चलते घोषणा पत्र जारी नही कर रही है।
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