MP NEWS24- नागदा की नगर पालिका का गठन 21 जनवरी 1968 को हुआ। तब प्रशासक नियुक्त थे। 1982 से 2020 तक कांग्रेस व निर्दलीय के नपा अध्यक्षो का कार्यकाल बीस वर्ष चार माह एवं भाजपा की परिषदो का कार्यकाल 18 वर्ष 2 माह रहा तथा प्रशासको का कार्यकाल अब तक 16 वर्ष 6 माह रहा। कुल मिलाकर नागदा का विकास बावन वर्षाे में भी अधूरा क्यों है ?नपा में पर्सेंटेज वसुली में हुआ विकास गुम
यह बात सोश्यल वर्कर अब्दुल हमीद ने कहते हुए आरोप भी लगाया कि नागदा नगर पालिका चारागाह बन गई है। गुणवत्ताहीन एवं दिशा भ्रमित निर्माण कार्य, बंदरबांट में चल रहे सामग्री सप्लाय, नेताओं द्वारा भ्रष्टाचार कर मुख्य मार्गाे पर अतिक्रमण करवाना, परसेंटेज वसुली में विकास गुम हो गया है। हम आरोप प्रत्यारोप में व्यस्त है। बावन वर्षाे में शहर को पर्याप्त शुद्ध जल नहीं दे सके, प्रकाश व्यवस्था लचर है। सफाई के अभाव में नागरिक परेशान है, सब्जी बाजार का सर्वसुविधायुक्त स्थायी हल नहीं हो पाया है। शहर में सीवरेज सिस्टम नहीं बन पाया कारणवश गंदी नालियों से निजात नहीं हो सकी, गौवंश के लिये उत्तम गौशाला नहीं बन सकी, आवारा पशुओं व कुत्तों के प्रकोप का समाधान नहीं है। पाल्या खाल (नाला) गंदगी से कच्चा होकर बदबूदार हो चुका, उद्योगो से निकलने वाला जहरीले पानी का गंदा नाला इस क्षेत्र के नागरिको को नारकीय जीवन दे रहा है, चामुण्डा माता मंदिर क्षेत्र व शिव मंदिर क्षेत्र विकास के नाम पर शून्य है, चम्बल नदी के कुंड पर डेम नहीं बन सका, कन्याशाला चौराहे के जर्जर स्कूल भवन के स्थान पर शॉपिंग काम्पलेक्स नहीं बन सका, झुग्गी-झोपड़ी, टापरियों के निवासियों के लिए पर्याप्त सुविधायें नहीं है। कन्याशाला चौराहे से 56 ब्लॉक तक सड़क निर्माण नहीं हो सका, प्रकाश नगर समीप रेल्वे भूमि गंदगी से आच्छादित है, उक्त खुली भूमि पर हम कुछ नहीं कर सके। शिव मंदिर मेला ग्राउंड का क्षेत्रफल बढ़ाकर वहाँ धूल से मुक्ति नहीं दिला सके, पुलिस भूमि में हो रहे दशहरा उत्सव को पर्याप्त सुविधाजनक स्थल पर स्थानांतरित नहीं कर सके। पशु हाट व्यवस्था आज तक नहीं हो सकी, खतरनाक केमिकल उद्योग लैंक्सेस व ग्रेसिम केमिकल डिवीजन के जहरीले पानी के रिसाव को नायन डेम में मिलने से नहीं रोका जा सका, खतरनाक केमिकल उद्योगो को घनी आबादी से अन्यत्र ले जाने की कार्यवाहियों आज तक नहीं की गई। लगभग पच्चीस वर्षाे में मध्यमवर्गीय आवासहीनों के लिये हाउसिंग बोर्ड से कोई कॉलोनी क्यों नहीं बन पाई, वार्ड क्रमांक एक से आठ के मध्य प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, उद्यान, स्वीमिंग पूल व्यवस्था नहीं हो सकी, पुराने रेल्वे ओव्हर ब्रिज जर्जर हालत में है, युवाओं के लिये सर्वसुविधायुक्त खेल संस्थानयुक्त स्टेडियम नहीं है, इस प्रकार की कई प्रयुक्त समस्याओं के निराकरण के प्रस्ताव परिषद भी कर चुकी, मगर उनको अमलीजामा नहीं दे सके।
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नेताओं के घर पर काम करते हैं नपा के कर्मचारी
अब्दुल हमीद ने कहा है कि वादे तो किये गये मगर दृढ़ संकल्प उन्हें पूर्ण करने की दिशा में ना करते हुए केवल नगर पालिका को परसेंटेज वसूली, कर्मचारियों को अपने घरों में काम करवाने, अपनों को सप्लाय व निर्माण कार्याे के ठेके दिलवाकर धन कमाने का साधन बना दिया गया है। जो जनता के ध्यान में है। अब समय गंवाये बिना हमें ऐसी परिषद् का गठन करना आवश्यक है, जो इन समस्याओं का ईमानदारी से निराकरण कर शहर को वास्तविक विकास दे सके।
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