नागदा जं.--हमारी आत्मा हर जन्म में नये शरीर को धारण करती है-महासती दिव्यज्योतिजी

MP NEWS24-स्थानकवासी जैन समाज के मीडिया प्रभारी महेन्द्र कांठेड़ एवं नितिन बुडावनवाला ने बताया कि महावीर भवन में धर्मसभा में महासती दिव्यज्योतिजी एवं पूज्य काव्याश्रीजी ने कहा कि जिस तरह हम प्रतिदिन कपड़े बदलते है, उसी प्रकार हमारी आत्मा हर जन्म में नवीन शरीर को धारण करती है। शरीर नश्वर है, आत्मा अमर है। हमारा मानव जन्म सूर्य की अवस्था के समान है। बचपन उगता सूरज समान, जवानी चढ़ते सूरज के समान, वृद्धावस्था डुबते सूरज के समान है। पाप, कर्म के क्षय से आत्मीक सुख की प्राप्ति होती है। मीडिया प्रभारी ने बताया कि रमेश तांतेड़ ने तेले का पारणा अभिगृह पूर्ण होने पर ही किया जायेगा। अतिथि सत्कार का लाभ सुशील सचीन कोलन ने लिया। धार्मिक प्रभावना विजय पितलीया की ओर से कुमारी संस्कृति(सिद्धी) जैन पितलीया के चार्टड एकाउंटेंट की परीक्षा उत्तीर्ण होने एवं श्रावक सुरेन्द्र पितलीया के धर्मचक्र के उपलक्ष्य में धर्म लाभ लिया गया। कार्यक्रम का संचालन अरविंद नाहर ने किया एवं आभार प्रकाशचन्द्र जैन लुणावत व सतीश जैन सांवेरवाला ने माना।

धर्मसभा में अनील पावेचा, प्रकाश चपलोत, धर्मेन्द्र बम, दिलीप ओरा, अशोक कोलन, अंकित मारू, विनोद राठौड, योगेन्द्र बोहरा, सुनील सकलेचा, श्रीमती विजया बहन सांवेरवाला, अमृतबेन मारू, सरोज बहन लुणावत, साधना जैन, मधुलीका नाहर, दाखाबाई ओरा, शकुंतला कांठेड़ आदि उपस्थित थे।

Post a Comment

[blogger]

MKRdezign

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget