नगदा - मैजिक बॉक्स से 10 मिनट में पता लगेगा खाद्य पदार्था में मिलावट है या नहीं क्षेत्र में अभी तक नहीं हो पाया इस मेजीक बाॅक्स का उपयोग



Nagda(mpnews24)।   खान- पान सामग्री में मिलावट की जांच अब तत्काल की जा सकेगी। इसके लिए खाद्य सुरक्षा विभाग को फूड सेफ्टी मैजिक बॉक्स मिला है। यह अपने नाम के अनुरूप ही काम करेगा। इसमें उपलब्ध रसायनों से खाद्य सामग्री जांच कुछ ही पलों में की जा सकेगी। इन नई व्यवस्था से दीपावली के त्योहार पर मिठाई और मावा की जांच करना आसान हो जाएगा। क्योंकि अब तक खान- पान सामग्री के लिए गए सैंपल को जांच के लिए भोपाल भेजा जाता था। इनकी रिपोर्ट आने में महीनों लग जाते थे। विभाग को बाॅक्स तो मिल गया लेकिन क्षेत्र में अभी तक इसका उपयोग कहीं पर भी देखने को नहीं मिला है।

प्रत्येक जिले में उपलब्ध करवाऐ गए बाॅक्स
यहां बता दें भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (भारत सरकार) नई दिल्ली से मध्यप्रदेश के प्रत्येक जिले को त्वरित प्राथमिक जांच के लिए फूड सेफ्टी मैजिक बॉक्स उपलब्ध कराए गए हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी इस मैजिक बाक्स से खान- पान सामग्री की जांच का प्रशिक्षण स्कूल, कॉलेज में छात्र- छात्राओं और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों को देने की तैयारी कर रहे हैं जिससे लोग खुद भी मिलावट की जांच कर सकेंगे।

सौ खाद्य सामग्री जांच की क्षमता
बताया गया है कि इस मैजिक बॉक्स किट से 100 तरह की खाद्य सामग्री जांच हो सकेगी। फूड मैजिक बॉक्स की सहायता से विभिन्न खाद्य पदार्थों में दूध और इससे बने अन्य उत्पादों में मावा, घी, पनीर, मिठाई, मसालों में धनिया, मिर्च, हल्दी, विभिन्न प्रकार के खाद्य तेल, शक्कर, गुड़, शहद,, दालें, कोल्डड्रिंक, चाय पत्ती, अखाद्य कलर सहित 100 तरह की खाद्य सामग्री की जांच मौके पर ही की जा सकेगी। इसके बाद अधिकारी सैंपल कंफर्मेशन के लिए लैब में भिजवाएंगे जहां से रिपोर्ट आने से सामग्री की गुणवत्ता की प्रमाणिक रिपोर्ट आएगी। इसके आधार पर मिलावटखोर के विरुद्ध न्यायालयीन कार्रवाई की जा सकेगी।

रंग और गंध परिवर्तन से मिलावट का पता चलेगा
फूड सेफ्टी मैजिक बॉक्स से तत्काल मिलावटी सामग्री के बारे में पता लगेगा। इसमें मौजूद रसायनों का जैसे ही प्रयोग खाद्य सामग्री पर करेंगे तो यह अपना रंग बदल लेगी। रासायनिक क्रिया के बाद पता लग जाएगा कि कौन सी सामग्री में क्या मिलाया गया है। इसके बाद नमूना लिया जाएगा। जिसे जांच के लिए लैब में भिजवाया जाएगा।

मिलावटखोरी पर अंकुश लगाने में सहायक होगा
खाद्य सुरक्षा विभाग के सूत्रों का कहना है कि स्कूल, कॉलेज और सामाजिक संगठनों को प्रशिक्षण देने के बाद लोग मिलावट की जांच खुद कर सकेंगे। इसके बाद सूचना मिलने पर सैंपल कर ली जाएगी और जरूरी हुआ तो मिलावटी सामग्री नष्ट भी कराई जाएगी। भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण की मिलावटखोरी पर अंकुश के लिए यह पहल प्रभावी साबित होगी।
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