Nagda(mpnews24)। वरिष्ठ श्रमिक नेता भवानीसिंह शेखावत ने मध्यप्रदेश शासन का 29 अक्टूबर को प्रकाशित राजपत्र की काॅपी हमारे प्रतिनिधि को उपलब्ध करवाते हुए शिवराज सरकार द्वारा शासकीय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष से घटाकर 60 वर्ष किए जाने का घोर विरोध किया है तथा शासन की इस कर्मचारी विरोधी नीति की निन्दा की है।
श्रमिक नेता श्री शेखावत ने कहा कि मध्यप्रदेश शासन के राजपत्र (असाधारण) जिसका की प्रकाशन 29 अक्टूबर को किया गया है में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा अवर सचिव रविशंकर राय द्वारा मध्यप्रदेश के राज्यपाल के नाम से आदेशानुसार यह संशोधन प्रकाशित हुआ है। संशोधन में कहा गया है कि एफ-22-49-1985-एक-स्था.-2-भार के संविधान के अनुच्छेद 309 के परन्तुक द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए मध्यप्रदेश के राज्यपा, एतदद्वारा मध्यप्रदेश सचिवालय (चतुर्थ श्रेणी) सेवा भर्ती नियम 1987 में निम्नलिखित संशोधन करते हैं अर्थात - संशोधन - उक्त नियमों में अनुसूची में टीप (1) में शब्द आयू सीमा के स्थान पर शब्द तथा अंक अधिकतम आयु सीमा 60 वर्ष स्थापित किया जाऐ।
श्री शेखावत ने कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु सीमा कर देने से प्रदेश के हजारों चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी इससे प्रभावित होंगे जिसमें राजस्व कार्यालयों, स्वास्थ्य विभाग, नगर निकाय, पंचायत आदि में कार्यरत हजारों चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का 2 वर्ष का सेवाकाल समाप्त करने का घोर अपराध शिवराज सरकार ने किया है।
श्री शेखावत ने कहा कि मध्यप्रदेश एवं देश की सरकार रोजगार उपलब्ध करवाने में नाकाम रही है, अपितु जो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रोजी-रोजगार से लगे हुए हैं उनकी सेवानिवृत्ति आयु भी घटाने पर तुल गई है। शेखावत ने कहा कि सरकार इस निर्णय को यदि वापस नहीं लेती है तो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को साथ लेकर सरकार के विरूद्ध आंदोलन प्रारंभ किया जाऐगा।
Post a Comment