Nagda(mpnews24)। विधायक दिलीपसिंह गुर्जर ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि मटरफली का उचित मुल्य किसानों को दिलाया जाये जिससे कि उन्हें लागत का मुल्य मिल सके तथा शासन हरी सब्जीयों, आलु, प्याज आदि का समर्थन मुल्य तत्काल घोषित करें।
फसल के कम मूल्य मिलने से ठगा सा महसुस कर रहे खाचरौद के अन्नदाता
श्री गुर्जर ने कहा कि नागदा-खाचरौद जो मटरफली व सब्जीयों के उत्पादन का गढ माना जाता है प्रतिदिन सैकडों ट्रक बटलाफली, फूल व सब्जीयों दिल्ली, मुम्बई, गुजरात व अन्य प्रदेशों में जाती है क्षैत्र में मटरफली, हरी सब्जीयों व फुल का भारी मात्रा में उत्पदान होता है वहीं क्षैत्र की मटरफली महानगरों में जाकर नगर का नाम बढा रही है। लेकिन इस फसल को सिंचकर जो मण्डी तक ला रहे किसानों को कम मुल्य मिलने और अधिक लागत लगने से किसान अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है। क्षैत्र के कृषकों के लागत अनुरूप दाम नहीं मिलने से किसानों को काफी घाटा उठाना पड रहा है।
श्री गुर्जर ने पत्र में यह भी लिखा कि समृद्ध ओर खुशहाल किसान म.प्र. की पहचान बने इसके लिए कृषि को लाभ का व्यवसाय बनाने के लिए तकनीकी मार्गदर्शन उन्नत कृषि के तौर तरिकों के प्रयोग करने के साथ किसानों को फसल का उचित मुल्य मिलना जरूरी है।
श्री गुर्जर ने यह भी मांग की है कि सिचाई क्षमता बढाने के लिए नदी, नालों, खाल आदि स्थानों पर स्टाॅप डेम बनाने, गांवों में पुराने तालाबों का गहरीकरण करवाने के कार्यों में तेजी लाई जाये ताकि सिचाई क्षमता बढ सके। वहीं एक-एक इंच भूमि तक पानी पहुंच सके।
75 प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर निर्भर
श्री गुर्जर ने पत्र में बताया कि प्रदेश की कुल आबादी की 73 प्रतिशत जनसंख्या आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। क्षैत्र के किसानों को यदि फसल उत्पादन का सही मुल्य मिलने लगेगा तो प्रदेश का किसान समृद्ध होगा वहीं शासन को भी आय में भी चहुं और वृद्धि होगी। वर्तमान हालात में कृषि कार्य उद्योग जैसा व्यवसाय हो गया है। लागत अनुसार फसल का उचित मुल्य नहीं मिलने के कारण किसान काफी घाटे में है कई बार प्राकृतिक आपदा के चलते किसानों का मुंह आया निवाला भी छीना गया है। किसानों को फसल का उचित बीमा भी हो और फसल नष्ट होने पर उसका पर्याप्त मुआवजा (क्लेम राशि) देने का ठोस प्रावधान भी हो ऐसी ठोस व्यवस्था की जाए।
ठोस रणनीति बनाऐ सरकार
श्री गुर्जर ने पत्र में कृषि को लाभ का धंधा बनाकर किसानों की जिंदगी बदलने की ठोस रणनीति बनाने की मांग की है ताकि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की योजना साकार हो सके। सरकार हरी सब्जीयों, मटर, प्याज, आलू आदि का समर्थन मुल्य तत्काल निर्धारित करें। सरकार किसानों को राहत, सहयोग और प्रोत्साहन लगातार दे तभी अन्नदाता की आर्थिक स्थिति सुदृढ होगी।
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