Nagda(mpnews24)। भारत सरकार ने दिव्यांगजनों को अधिक सक्षम बनाने हेतु दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम को 2016 में संसद में पारित किया था, जिसमे उनके स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण, रोजगार, सुगम्यता, पुनर्वास एवं सामाजिक सुरक्षा को सुनिशिचित करने हेतु अनेक अधिकार प्रदान किये गए है। अब ये हर राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वो इस अधिनियम के प्रावधानों को अपने राज्य में लागु करने में सक्रियता से कार्य करें जिससे इसका लाभ दिव्यांगजनों को मिल सके।
उपरोक्त उदगार केन्द्रीय मंत्री डॉक्टर थावरचंद गेहलोत ने दिव्यांगजनों के लिए देश की सर्वोच्च नीति निर्धारण करने वाली केन्द्रीय दिव्यांगजन सलाहकार बोर्ड की चैथी बैठक की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किये। अपने गृहनगर नागदा से ऑनलाइन बैठक में सम्मिलित हुए श्री गेहलोत ने उपस्थित विभिन्न राज्यों के सामाजिक न्याय मंत्रियो एवं प्रमुख सचिवों को उनके राज्यों में सभी दिव्यांगजनो के युडीआईडी कार्ड तेजी से बनाने, स्वतंत्र दिव्यांगजन आयुक्त नियुक्त करने, राज्य दिव्यांगजन सलाहकार बोर्ड के गठन करने, निर्धारित समय सीमा में सार्वजानिक भवनों एवं यातायात के साधनों को सुगम्य बनाने तथा दिव्यांगो को उचित पेंशन, देखभाल कर्ता भत्ता, छात्रवृति एवं कम ब्याज की दर पर ऋण उपलब्द्ध कराने का भी अनुरोध किया। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्णपालसिंह गुर्जर ने भी इस अवसर पर संबोधित करते हुए मंत्रालय द्वारा दिव्यांगजनों के पुनर्वास एवं सशक्तिकरण हेतु चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी प्रदान की।
मारू ने भी दिए महत्वपूर्ण सुझाव
बैठक में दिव्यांगजनों के पुनर्वास हेतु कार्यरत संस्था स्नेह के संस्थापक एवं इस बोर्ड में विशेषज्ञ सदस्य के रूप में मनोनीत पंकज मारू ने भी शिरकत करते हुए महतवपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने एडीप योजना के तहत सभी 21 प्रकार के दिव्यांग जनों को सहायक उपकरण देने, दिव्यांगो को स्वरोजगार हेतु दिए जाने वाले ऋण हेतु क्रेडिट गारंटी योजना शुरू करने, उच्च सहायता की आवश्यकता वाले दिव्यांगो के निर्धारण मापदंडों में परिवर्तन करने एवं बौद्धिक दिव्यांग जनों को भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम के माध्यम से टीएलएम किट एडीप योजना के तहत प्रदान करने का अनुरोध किया जिसे बोर्ड द्वारा अनुसंशित करने का निर्णय लिया। बैठक में सभी राज्यों द्वारा दिव्यांगजनों हेतु उनके राज्य में की जा रही गतिविधियों से अवगत कराया गया। बैठक में विभाग की सचिव सुश्री शकुन्तला डोले गामलिन ने स्वागत उद्बोधन देते हुए वर्तमान समय में शीघ्र हस्तक्षेप एवं समावेशी शिक्षा पर बल देने का अनुरोध किया। बैठक में दिव्यान्गता से सम्बंधित विभिन राष्ट्रीय संस्थानों एवं स्वायत्त संस्थानों के निदेशकगण, सदस्य सचिव, अध्यक्षगण तथा विभाग के अधिकारीगण के साथ साथ दिव्यांगजनों के लिए कार्य करने वाली देश की ख्यातिमान संस्थाओं के मनोनीत प्रतिनिधिगण भी मौजूद थे। बैठक का संचालन विभाग के संयुक्त सचिव प्रबोध सेठ ने किया।
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