क्या है मामला
याचिकाकर्ता श्री हमीद द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार नगर पालिका परिषद नागदा के आगामी निर्वाचन के लिये शासन द्वारा वार्ड नम्बर 8 अनुसूचित जनजाति के लिये आरक्षित किये जाने संबंधी निर्णय को नियम विरूद्ध होना बताते हुए श्री हमीद ने वार्ड आरक्षण प्रक्रिया को म.प्र. उच्च न्यायालय की इन्दौर खण्डपीठ में याचिका दायर कर चुनौती दी है। उच्च न्यायालय के समक्ष हमीद के अभिभाषक एडव्होकेट मकबूल मंसुरी ने पक्ष रखते हुए मुख्य रूप् से यह तर्क प्रस्तुत किया कि नगर के समस्त 36 वार्डो में से वार्ड नं. 27 में अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या का प्रतिशत सर्वाधिक होने के बावजुद भी शासन द्वारा नियमों की अवहेलना करते हुए वार्ड नम्बर 8 को अनुसूचित जानजाति के लिये आरक्षित कर दिया है।
श्री हमीद ने बताया कि मामले की प्रारंभिक सुनवाई उपरांत उच्च न्यायाल के न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव ने शासन से जवाब तलब किया है तथा जवाब प्रस्तुती के लिये 2 सप्ताह की मोहलत दी है। गौरतलब है कि गत 24 नवम्बर को वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया के दौरान श्री हमीद ने वार्ड नं. 8 के आरक्षण को लेकर आपत्ति की थी, जिसे कलेक्टर द्वारा चक्रानुक्रम पद्वति से वार्ड आरक्षण करने का हवाला देते हुए निरस्त कर दी थी। याचिका में यह भी कहा गया है कि नागदा नगर पालिका के लिये परिसीमन का कार्य इसी वर्ष होने से चक्रानुक्रम का सिद्वांत लागु नहीं होता है। ऐसे में कलेक्टर द्वारा आपत्ति भी अवैधानिक रूप से निरस्त किए जाने की बात भी उन्होंने कही है ।
Post a Comment