Nagda(mpnews24)। शहर में तीन महापुरुषों की प्रतिमा स्थापना का सिलसिला लंबे समय से विवाद से घिरा चल रहा है पहले संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर प्रतिमा स्थापना स्थल को लेकर 25 सालों से विवाद की स्थिति बनी थी जो गत दिनों तीन संयुक्त दलों के निरीक्षण उपरांत नगर पालिका परिषद नागदा के सामने बनी रोटरी की रेलिंग तोड़ने से समाप्त हुआ। अब भारतवर्ष में प्रथम बार नागदा शहर को बसाने वाले सम्राट राजा जन्मेजय की प्रतिमा स्थापना स्थल को लेकर असमंजस की स्थिति बनी है। शहर में सम्राट राजा जन्मेजय की प्रतिमा स्थापना की मांग चंद्रवंशी बागरी समाज सुधार समिति के तत्वाधान में सन 2012 से चल रही है। तत्कालीन अध्यक्ष अशोक मालवीय द्वारा वर्ष 2019 में समाज की मांग मानकर शहर में सम्राट राजा जन्मेजय की प्रतिमा स्थापित करने का प्रस्ताव पारित किया और इस प्रतिमा को बायपास मार्ग महिदपुर रोड स्थित राजस्थानी होटल के समीप बनी रोटरी पर स्थापित करने की सहमति चंद्रवंशी बागरी समाज समिति के राष्ट्रीय संस्थापक अंबाराम परमार अन्य समाजजनों एवं नगरपालिका अध्यक्ष के बीच बनी थी।
स्थान बदलने से नागरिकों में रोष
लेकिन नपा कर्मचारी अब सम्राट राजा जन्मेजय की प्रतिमा को नवीन बस स्टैंड पर स्थापित करने का बताने से समाजजनों में रोष है। समाज जनों की मांग है कि सम्राट राजा जन्मेजय की प्रतिमा राजस्थानी होटल के समीप बनी रोटरी पर स्थापित कर सामाजिक भावनाओं का सम्मान करें अन्यथा आंदोलन के लिए बाध्य रहेंगे इस चेतावनी का एक पत्र ऐतिहासिक धरोहर बचाओ आंदोलन समिति संयोजक बंटू बोडाना द्वारा 29 दिसंबर को कलेक्टर उज्जैन एवं मुख्य नगर पालिका नागदा के नाम से लिख कर चेतावनी दी गई है यदि प्रतिमा स्थल में परिवर्तन करते हैं तो सामाजिक संगठन एवं ऐतिहासिक धरोहर बचाओ आंदोलन समिति आंदोलन के लिए बाध्य रहेगी जिसकी संपूर्ण जवाबदारी शासन प्रशासन की रहेगी।
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