नागदा - कृष्ण सी सारथी की भूमिका निभाती है हिन्दी - सीएसपी श्री रत्नाकर साहित्यिक अनुष्ठान राष्ट्रीय स्वाभिमान यज्ञ समारोह सम्पन्न



Nagda(mpnews24) ।   मानव जीवन के दो पक्ष है सैद्धान्तिक तथा व्यवहारिक। सिद्धान्त बदलते नहीं है, नीतियां बदल जाती है। प्राचीन संस्कृति हिन्दी के द्वारा ही सुरक्षित रही है जो मानवता सिखाती है। अंग्रेजी केवल धन कमाने की मशीन बनाती है। नव मानवो का निर्माण हिन्दी से ही संभव है। संस्कार हिन्दी भाषा से ही जीवित रहेंगे जो चारो ओर देखकर आगे बढ़ने की सीख देती है।
यह विचार जीवदया एवं मानव सेवा समिति के सभागृह में हिन्दी प्रचार सेवा समिति नागदा द्वारा आयोजित साहित्यिक अनुष्ठान राष्ट्रीय स्वाभिमान यज्ञ समारोह में अतिथि वक्ता रामअवतार शर्मा ने रखे।

सीएसपी श्री रत्नाकर ने भी किया संबोधित
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नगर पुलिस अधीक्षक मनोज रत्नाकर ने कहा कि हिन्दी महाभारत के युद्ध में पाण्डवों की विजय हेतु कृष्ण के सारथी की भूमिका में रहकर पाण्डवो को विजय दिलाई, उसी अनुरूप हिन्दी भी पाण्डव रूपी भारतीयों की विजय हेतु हिन्दी सारथी का कार्य कर रही है। हिन्दी धरा से जुड़कर नैतिकता का पाठ पढ़ाती है। अंग्रेजी को रोजी-रोटी से जोड़कर देखना भारतीयो की भूल है।

अन्य वक्ताओं ने भी किया संबोधित
इसी क्रम में अनिल शर्मा, उज्जैन ने हिन्दी महत्ता को प्रकट करते हुए कहा कि हमने खुद को गैर जरूरी चीजो से घेर रखा है। जरूरत है आज हिन्दी के मर्म को समझने व अपने संतानो में हिन्दी प्रेम जगाने की जरूरत है। सुरेश रघुवंशी ने काव्यात्मक शैली में विचार रखते हुए कहा- हिन्दी भाषा जान हमारी, हिन्दी ही पहचान है, हिन्दी हिन्दूस्तान हमारा, देश की हिन्दी शान है। गीत, गजल व छन्दो की हिन्दी सुरमयी तान है। इसी क्रम में मोहनलाल लोहार ने हिन्दी को वैज्ञानिक भाषा बताते हुए इसके उच्चारण से स्वास्थ्य लाभ व अपनी विशिष्ट पहचान कैसे बनावे तर्कमयी विचार रखे।
प्रेस क्लब अध्यक्ष राजेश रघुवंशी ने पत्रकारों की संदिग्ध भूमिका तथा समाज में उनके दायित्वों का निष्पक्ष रूप से रखने हेतु प्रयास करने पर जोर देते हुए कहा कि पत्रकार समाज का आईना होता है। उनके विचार जन-जन तक पहुंचते है। भारतीयो को हिन्दी पर गर्व होना चाहिए। हिन्दी भारत माँ के भाल की बिन्दी है। हिन्दी ही जनसम्पर्क की भाषा हैं, जो जोड़ने का कार्य करती है। हिन्दी को अपनाएँ व जीवन को साहित्यिक क्षेत्र में आगे बढ़ावे। लायंस क्लब अध्यक्ष कमलेश जायसवाल ने नगर में हिन्दी अलख जगाने वाली संस्था व डॉ. पं. सत्यार्थी का गुणानुवाद करते हुए कहा कि हिन्दी में विशिष्टता समाहित है उस बीज को रोपते हुए अपना भाग्य संवारने का कार्य करना होगा, नई शिक्षा नीति ने भी हिन्दी को बढ़ावा देने हेतु प्रारम्भिक शिक्षा हिन्दी व आंचलिक भाषा में देने की बात कही है।
समारोह का आरंभ प्रातःकालीन 7 बजे कार्यालय हिन्दी विद्या सदन पर अग्निहोत्र यज्ञ से हुआ पश्चात् जीवदया एवं मानव सेवा समिति पर ध्वजारोहण व ध्वजगान से हुआ। ध्वजगान की प्रस्तुति मांगीलाल पांचाल ने दी। पश्चात् अतिथियों द्वारा सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन किया गया। हिन्दी वंदना व काव्यमयी अतिथि परिचय डॉ. पं. सत्यार्थी ने दिया। समारोह में विद्या विनोद, विद्या रत्न व विद्या विशारद के 40 परीक्षार्थियों को पुरूस्कृत किया गया जिसमें महेश खत्री (नगर पालिका) का शाल, श्रीफल, स्मृति चिन्ह व अभिनन्दन पत्र भेंट कर नागरिक अभिनन्दन अतिथियों द्वारा किया गया। श्री खत्री द्वारा इस अवसर पर सुन्दर गीत की प्रस्तुति दी।

सीएसपी श्री रत्नाकर व अनिल शर्मा उज्जैन का सारस्वत सम्मान साहित्य, कलम, स्मृति चिन्ह, शाल, श्रीफल से किया गया। विद्या विनोद में दुर्गेश सोलंकी, शिवानी शर्मा, विद्या रत्न में नरेन्द्र सुयल, श्रीमती सपना परिहार तथा विशारद में श्रुति स्नेही व मनीषा मरमट को आकर्षक पुरूस्कार देकर सम्मानित किया गया। अतिथियों का स्वागत श्रीमती ममता पोरवाल, संगीता हाडा, पुनम पोरवाल, दुर्गा खिंची, ऋतु पाण्डे, मनीषा डोहरिया, मानसी, दीव्यांशी उपाध्याय बनबना, शिवानी शर्मा, नेहा शर्मा, रिया अखण्ड, लक्ष्मी आंजना, भारती डोहरिया व कैलाश खनार, सुन्दरलाल उपाध्याय ‘कोकिल‘,  अशोक शर्मा मृदुल, आनन्दीलाल सोलंकी, मनीष बैरागी, हीरालाल प्रजापत, नरेन्द्र सुयल, नीरज सोनी, ओमप्रकाश कडलुआ, शिवांश मालानी, डॉ. हरगोविन्द सक्सेना, सुनील शर्मा, रमेश प्रजापत, राकू चैघरी, दुर्गाबक्ष सिंह बैस, सुभाष हाड़ा आदि ने किया।

वार्षिक ब्यौरा वाचन नरेन्द्र सूयल ने किया। कार्यक्रम का काव्यमयी संचालन डॉ. पं. सत्यार्थी ने किया। अंत में आभार नीरज सोनी ने माना।
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