इस संबंध में जानकारी देते हुए विधायक गुर्जर ने बताया कि कुछ ठेका श्रमिकों द्वारा मिडिया के माध्यम से उद्योगों द्वारा ठेका मजदुरों को काम पर नहीं रखने का मामला विधानसभा में उठाने की बात कही गई है। कांग्रेस पार्टी हमेशा मजदुरों के साथ में है उनकी मांगों को लेकर स्वेच्छिक नागदा बंद का आव्हान किया गया था जिसको क्षैत्र के व्यापारियों व आमजनता ने सफल बनाया था।
श्री गुर्जर ने कहा कि ग्रेसिम तथा अन्य उद्योगों में कार्यरत 3500 ठेका श्रमिकों को कार्य पर नहीं रखने तथा स्थायी श्रमिकों व स्टाॅफकर्मियों को कोरोना की आड में वीआरएस देने का मामला उठाया था व स्थायी श्रमिकों से ठेका श्रमिकों का कार्य करवाकर कोविड-19 की आड में श्रम कानूनों का उल्लंघन किया जा रहा है और 23 मार्च को जो ठेका श्रमिक उद्योग में डयुटी पर नहीं जा पाये थे जिनका अवकाश व रिर्टन थी या डयुटी पर नहीं जा पाये थे श्रमिकों के वेतन का भुगतान नहीं करने का मामला विधानसभा में उठाया था।
इन प्रश्नों के लिखित उत्तर में मंत्री बृजेन्द्र प्रतापसिंह ने अवगत कराया कि ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लि. स्टेपल फायबर डिवीजन में 2376 कार्यरत श्रमिक व 50-60 प्रतिशत उत्पादन क्षमता, ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लि. केमिकल डिवीजन में 1200 कार्यरत श्रमिक व 70-80 प्रतिशत उत्पादन क्षमता, लेंक्सेस इंडिया लि. में 425 कार्यरत श्रमिक व 50 प्रतिशत उत्पादन क्षमता और गुलब्राण्डसन प्रा.लि. में 71 कार्यरत श्रमिक व 80 प्रतिशत उत्पादन क्षमता है।
ठेका श्रमिकों को कार्य पर नहीं लिया जा रहा है वर्तमान में ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज स्टेपर फायबर डिवीजन में लगभग 725 ठेका श्रमिक नियोजित किये जा रहे है। इसका कारण प्रबंधन द्वारा वर्तमान उत्पादन क्षमता व कार्य की आवश्यकतानुसार संबंधित ठेकेदारों के ठेका श्रमिकों को ही कार्य पर लिया जाता है। स्थायी श्रमिकों से ठेका श्रमिकों का कार्य करवाने और स्थायी व स्टाॅफकर्मियों को वी.आर.एस. देने की बात को माननीय मंत्री जी द्वारा नकारा गया है।
श्री मंत्री ने बताया कि 22 मार्च 2020 को माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा घोषित किये गये जनता कफ्र्यु के बाद 23 मार्च 2020 को जो ठेका श्रमिक कारखाने में ड्युटी पर नहीं जा पाए तथा जिनका अवकाश था, शासन द्वारा उनके वेतन काटने का कोई आदेश नहीं दिया गया था। नागदा स्थित ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लिमिटेड स्टेपल फायबर डिवीजन के कुछ ठेका श्रमिकों के संबंध में प्राप्त शिकायत पर कार्यवाही करते हुए ठेका श्रमिकों एवं प्रबंधन के बीच सामंजस्य स्थापित करते हुए 147 ठेका श्रमिकों को जो 23 मार्च को ड्यूटी नहीं जा पाए या जिनका अवकाश था, का लाॅकडाउन अवधि के वेतन भुगतान करवाया गया।
श्री गुर्जर ने कहा कि सितम्बर माह में विधानसभा का सत्र बुलाया गया था परंतु कोरोना के कारण सत्र एक दिन चला था और सीमित संख्या में विधायक बुलाये गये थे। उनके द्वारा 22 सितम्बर 2020 को विधानसभा प्रश्न लगाया गया था। जिसका लिखित उत्तर विधानसभा द्वारा प्रेषित किया गया है।
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