Nagda(mpnews24)। कुछ भी नही लगता है बस थोडा सा समर्पण, थोडा सा समय ओर थोडा सा पैसा, ओर किसी के जीवन मे बहुत बडा बदलाव हो जाता है। कुछ इसी प्रकार के विचारों से ओतप्रोत दिखाई देते हैं युवा व्यवसायी एवं मोहनश्री फाउण्डेशन के संस्थापक मनोज राठी बारदानवाला।
श्री राठी की मेहनत एवं लगन का जज्बा देखते ही बनता है। उनके द्वारा जिस प्रकार से अनजान लोगों के भी दुःखों को दूर करने का कार्य किया जा रहा है वह काबिले तारीफ है। श्री राठी द्वारा किये जा रहे सेवा कार्यो में एक कडी और जुड गई है। एक व्यक्ति जो लगभग 2 माह पहले जवाहर मार्ग पर रोड पर लेटा हुआ दिखाई दिया था तब इस व्यक्ति से बात की तो इसने बताया की उसे दिखाई नही देता है ओर अशोकनगर के समीप गोंड नामक गांव मे रहता है ओर इसके आगे पीछे कोई नही है तथा जैसे-तैसे भटकता हुआ नागदा तक पहुच गया था। पिछले 2 माह से इस व्यक्ति को मोहन श्री फाऊंडेशन संरक्षण में रखा गया। इसकी आंखो के उपचार के लिये उसे रेटिना स्पेशलिटि हॉस्पिटल नागदा ले जाया गया। जहाॅं उसकी जांच के बाद बताया की उसकी दोनो आंखो मे मोतियाबिन्द है जिसकी वजह से उसे दिखाई नही दे रहा है, ओर आपरेशन के पश्चात उसकी स्थिति में सुधार हो सकता है। पीडित सडकों पर चलते हुए इतनी दूर आया था। सडक पर चलने वाले बडे वाहनों की तेज लाईटों से भी उसकी रोशनी संभवतः कम हुई होगी।
श्री राठी ने बताया कि पीडित को उनके मित्र राजेन्द्र चैधरी द्वारा जावरा स्थित लायंस क्लब के नेत्र चिकित्सालय लेकर गये ओर बारी-बारी से उसकी दोनो आंखो का ऑप्रेशन हुआ, उक्त कार्य में हॉस्पिटल के समस्त स्टाफ ओर वहाॅं के इंचार्ज जय प्रकाश श्रीवास्तव का बहुत ही सराहनीय योगदान रहा। अब वो एक बेहतर स्थिति में है ओर आसानी से सबकुछ देख सकता है। उक्त व्यक्ति वापस अशोक नगर के समीप अपने गाॅंव जाना चाहता है ओर शीघ्र ही उसे उसके गांव तक पहुचाने की व्यवस्था मोहन श्री फाऊंडेशन द्वारा की जायेगी।
श्री राठी ने बताया कि उक्त व्यक्ति की मदद करने में उनका कुछ नहीं लगा बस 2 माह तक उन्हें रखने की व्यवस्था, पाॅंच बार जावरा ले जाने का खर्च, थोडा सा समय ओर थोड़ी सी इच्छा किसी का बेहतर करने की। श्री राठी ने कहा कि अपने पिता की स्मृति में संचालित मोहन श्री फाउण्डेशन के माध्यम से हर दिन-दुःखी की मदद करने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि जितना उनकी हद में होता है उतनी मदद वह हर पिडित की निश्चित ही करते हैं तथा वह किसी भी प्रकार की शासकीय सहायता भी नहीं लेते हैं।
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