Nagda(mpnews24)। मोदी सरकार द्वारा लाये गये कृषि बील के प्रावधानों के कारण ही आज देश की जनता बेतहाशा मंहगाई का सामना कर रही है। कृषि बील में किसानों को उनकी उपज के एवज में मिलने वाले समर्थन मुल्य के प्रावधानों को समाप्त कर दिया है, वहीं खाद्यान्न एवं अनाज की स्टाॅक लिमिट नये कृषि बील में समाप्त कर उद्योगपति एवं पुंजीपतियों को अकूत मात्रा में भण्डारण की छुट प्रदान कर दी गई नतीजा हम सभी कमर तोड मंहगाई से त्रस्त हो गये। यह बात जिला कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष सुबोध स्वामी ने कृषि बील के विरोध में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आव्ह्ान पर शहर कांग्रेस कमेटी द्वारा किये गये आंदोलन के दौरान कहीं।
श्री स्वामी ने कहा कि किसान गाय और भैंस के दुध को बाजार के बेचकर बमुश्किल 40 से 45 रूपये प्रति लीटर कमाता है वहीं मोदीजी के परम मित्र बाबा रामदेव गौमुत्र 50 रूपये लीटर बाजार में बेचकर कमा रहे है भाजपा सरकार द्वारा लागू किये गये कृषि बील में चंद उद्योगपति मित्रों को देश की जनता को लुटने के लिए प्रावधान निहित किये गये है। यही कारण है कि आज लाखों की तादाद में किसान दिल्ली की सडकों पर अपने अधिकारों की लडाई लड रहा है। किसान, श्रमिक, बेरोजगार युवाओं, महिलाओं के हितों की बात करने वाली भाजपा आज सभी के हितों के साथ कुठाराघात कर रही है।
पहले किसानों के खाते में डाले पैसे, अब नोटीस देकर वसूल रहे
प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए शहर कांग्रेस अध्यक्ष राधे जायसवाल ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा 2000 रूपये किसानों के खातों में डाले गये थे उनकी वसुली के नोटिस किसानों को दिये जा रहे है वहीं दस-दस हजार रूपये जिन नागरिकों के खातों में आये है उन्हें भी फोन करके बैंक अधिकारी पैसे जमा करने के लिए डरा रहे है यह मोदी सरकार की कथनी करनी को दर्शाता है किसानों के साथ अगर न्याय नहीं हुआ तो कांग्रेस की किसानों के लिए आंदोलन जारी रखेगी।
इन्होंने भी किया सम्बोधित
आंदोलन को ब्लाॅक कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द भरावा, सरनामसिंह चैहान, रघुनाथसिंह बब्बु, ओमप्रकाश मौर्य, अजय शर्मा, सुरेन्द्रसिंह गुर्जर, जीवन पाटीदार ढोला, ईश्वरसिंह गुर्जर, भीमराज मालवीय, अययुब कामरेड, जगदीश मिमरोट, सुरेश उपाध्याय, लोकेश चैहान, लोकुमल खत्री, नरसिंह सिसौदिया, मोहम्मद रंगरेज, निशा चैहान आदि ने सम्बोधित किया।
यह थे उपस्थित
इस अवसर पर बाबुदादा गुर्जर, हरहंगी तिवारी, विशाल गुर्जर, दिपक गुर्जर, धारासिंह सुरेल, विरमसिंह गुर्जर, रवि शर्मा, मानसिंह गुर्जर, प्रकाश पंवार, योगेश मीणा, साबीर पटेल, अनिश खान, सवजी गुर्जर, बल्लु गुर्जर, रोहित गुर्जर, कमलेश चावण्ड, बन्टु जी नाईन, नरेन्द्र गुर्जर, स्वदेश क्षत्रिय, अमित राठौर, राम भाटिया, शैलन्द्र चैहान, विजय गुर्जर, संदीप शेरा, जीतु ठाकुर, प्रवीणसिंह चैहान, परितोष गुर्जर, कमलेश शंखवार, मनोज पाण्डे, साईराम सेन, जितेन्द्र चैहान, संजय केरवार, हेमलता शाक्य, अनिल मिश्रा, कवि देवसिंह गुर्जर, सेवालाल यादव, इशान भाटिया, कन्हैया मिश्रा, आशाराम चैहान, बंशीदास बैरागी, महेन्द्र यादव, चेतन यादव, जीतु कुशवाह, हीरालाल गुर्जर, नरसिंह गुर्जर, मेघा धवन, कमला कुमावत, संजय मेहरा, असलम खान, विकास गुर्जर, प्रदीप डे, मनोज साहनी, नवीन सैनी, मुन्ना सरकार, कुंवरजी निपानिया, श्यामा राव, पुनम अखण्ड, विनोद धाकड, नागेश्वर नंदेडा, शिवशंकर धाकड, कुलदीप सोनी, दिलीपसिंह बरखेडा आदि उपस्थित थे। प्रदर्शन के अंत में दिल्ली बाॅर्डर पर शहिद हुए किसानों को 2 मिनिट का मौन रखकर श्रृद्धांजलि अर्पित की।
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