बीएमओ डाॅ. कमल सोलंकी के द्वारा बताया गया कि ब्लाॅक खाचरोद में अनुमानित 60,000 बच्चो को पोलियो की दवा पिलाई जाना है। उक्त लक्ष्य की प्राप्ति हेतु ब्लाॅक में कुल 450 बुथ एवं 900 कर्मचारी तथा 47 सुपरवाईजरो की ड्यूटी लगाई गई है। इसके अलावा रेल्वे स्टेशन पर केमिकल डिविजन एवं बस स्टेण्ड पर ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज के द्वारा बुथ का संचालन किया जा रहा है एवं इस अभियान मे आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ओर सीएचओ, जनस्वास्थ्य रक्षक सामाजिक कार्यकर्ता, धार्मिक गुरू आदि का सहयोग इस अभियान के प्रचार-प्रसार के लिये लिया जा रहा है। इस अवसर पर बीपीएम भावना उपाध्याय, बीसीएम श्रुतिका भोंडवे, इंचार्ज स्टाॅफ नर्स सोनम मेश्राम, नवीन पांडे, नितेष उपाध्याय, दलपत ंिसंह, अर्जुन परमार, सतीष गेहलोत, मोहित शुक्ला एवं राहुल भावसार आदि उपस्थित थे।
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पल्स पोलियो अभियान का रजत जयंति वर्ष - डाॅ. कुमरावत
डिप्टी डायरेक्टर डाॅ. संजीव कुमरावत ने हमारे प्रतिनिधि से चर्चा में बताया कि भारत मे पोलियो के उन्मूलन के लिये 1995-96 मे पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत की थी। आज इस अभियान को 25 वर्ष पूरे हो चुके है.विश्व के सबसे बड़े इस टीकाकरण अभियान मे शामिल सभी कार्यकर्ताओं का समर्पण और कड़ी मेहनत का परिणाम है कि भारत 2014 मे पोलियो मुक्त हुआ। भोगोलिक एवं सांस्कृतिक विविधता से भरे इस विशाल देश मे यह एक महान उपलब्धि है। डाॅ. कुमरावत ने बताया कि भारत सरकार ने इस अभियान मे लगातार 25 वर्ष तक सेवा देने वाले कार्यकर्ताओं को सम्मानित करने का निर्णय लिया है। इसी तारतम्य मे उनके द्वारा रेल्वे स्टेशन पोलियो बूथ पर एएनएम सुहासिनी चावड़ा एवं ग्रेसिम के असिस्टेंट मेनेजर (सीएसआर) अजय नागर का पुष्प माला से अभिनंदन किया। सुहासिनी चावड़ा शासकीय अस्पताल की एएनएम है जो लगातार 25 वर्षो से पोलियो अभियान मे सेवाए दे रही है। अजय नागर सतत 25 वर्षो से पल्स पोलियो अभियान मे कड़ी मेहनत कर रहे है। ग्रेसिम द्वारा जनसमुदाय की भागीदारी के लिये पोलियो रथ निकाला जाता है जिसमे आपकी सक्रिय भूमिका रहती है, वही आप रेलवे स्टेशन पोलियो बूथ पर अपनी टीम सहित ट्रेन यात्रियों के 5 वर्ष तक के बच्चों को पोलियो ड्राप पिलाते है।
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