नागदा - ठेका श्रमिक घेरेंगे एसडीएम एवं कलेक्टर कार्यालय, हजारों ठेका श्रमिकों को नहीं मिल रहा काम कांग्रेस ने भी पूर्ण समर्थन की बात कही



Nagda(mpnews24).।    ग्रेसिम उद्योग के हजारों ठेका श्रमिकों को काम पर नहीं रखा गया तो कांग्रेस कमेटी ठेका श्रमिकों के संघर्ष में साथ खडी है। ठेका श्रमिकों द्वारा किए जाने वाले अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय का घेराव में हम सब श्रमिकों को न्याय दिलाने के लिए एकजुट होकर उनके साथ उनकी लडाई लडेंगे। अगर स्थानिय प्रशासन श्रमिकों को न्याय नहीं दिलवा पाया तो चरणबद्ध आंदोलन के तहत कलेक्टर कार्यालय का घेराव भी किया जावेगा।


कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने दी प्रशासन को चेतावनी
ठेका श्रमिकों के समक्ष शासन, प्रशासन को चेतावनी देते हुए जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुबोध स्वामी ने यह बात शनिवार को कही। श्री स्वामी ने कहा कि कहा कि ग्रेसिम उद्योग के हजारों ठेका श्रमिक विगत दस माह से घर पर बैठे हैं ना तो सत्ता पक्ष और ना ही शासन प्रशासन उनकी सुध ले रहा है। जब भी ठेका श्रमिक उनकी आवाज उद्योग प्रबंधन के विरूद्ध उठाते हैं तो उद्योग प्रबंधन प्रशासन से मिली भगत कर उनकी आवाज को दबाने में अपनी पुरी ताकत लगा देेता है। जबकि औद्योगिक क्षेत्र में हजारों घर बैठे श्रमिकों को कार्य पर रखवाने की जिम्मेदारी उद्योग में कार्यरत श्रम संगठनों व प्रदेश में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी की होती है। लेकिन दोनों ही श्रमिकों के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह नहीं कर रहे हैं।


मुख्यमंत्री से मुलाकात का झुनझुना थमाते रहे भाजपा के नेता
श्री स्वामी ने कहा कि स्थानिय भाजपा कई बार प्रेस बयानों में कह चुके हैं कि उन्होंने ठेका श्रमिकों को कार्य पर रखे जाने हेतु मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान से चर्चा की है। लेकिन 10 माह बीत जाने के बाद भी भाजपा नेता यह बताने को तैयार नहीं हैं कि मुख्यमंत्री ने उनके आवेदनों पर क्या कार्रवाई की है ? वहीं ठेका श्रमिकों के लिए कोई भी भाजपा नेता अपनी आवाज बुलंद नहीं कर रहा है।


भाजपा नेताओं के प्रबंधन से जुडे हैं हितलाभ
स्वामी ने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं के हितलाभ उद्योग प्रबंधन से सीधे-सीधे जुडे होने के कारण श्रमिकों के साथ हो रहे अन्याय पर संपूर्ण भाजपा मौन धारण करके बैठी हुई है।


ठेका श्रमिकों ने भी की अपनी आवाज बुलन्द
इस अवसर पर ठेका श्रमिकों की लडाई लड रहे श्रमिक रतनसिंह ने बताया कि कोविड-19 जैसी माहमारी के दौरान ग्रेसिम मैनेजमेंट एवं यहां कार्यरत सभी श्रम संगठनो ने अपने निजी हितों व स्वार्थो को साधते हुये कोराना आपदा को अवसर मे बदल कर उधोग मे काम कर रहे लगभग 3500 ठेका श्रमिको को कार्य से बन्द करते हुए श्रम कानुनो का उल्लंघन कर नौकरी से बेदखल कर दिया है। जिसकी शिकायत ठेका श्रमिको ने सहायक श्रमायु्क्त उज्जैन को की थी। शिकायत फलस्वरूप श्रमायुक्त दृवारा ग्रेसिम के 13 ठेकेदारों को नोटिस जारी कर कल 15 जनवरी को समझोता वार्ता हेतु उज्जैन बुलाया था जहां पर श्रम निरीक्षक बीएल राठौर के समक्ष ठेका श्रमिकों और ठेकेदारों के बीच बातचीत की गई। तत्पश्चात् ठेका श्रमिकों ने स्वयं अलग-अलग आवेदन देकर ग्रेसिम मैनेजमेंट के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। इस पर श्रम निरीक्षक ने जल्दी ही समझोता वार्ता करवाने का आश्वासन दिया। लगभग 150 से ज्यादा श्रमिकों के आवेदन सुनवाई के लिए अगले सप्ताह सहायक श्रमायुक्त कार्यालय में हमारे द्वारा दिए जावेंगे। श्रमिक रमेश गौतम ने श्रम संगठनों को चेतावनी दी है कि हमारी चुप्पी को हमारी कमजोरी न समझे प्रंबंधन एवं श्रमिक संगठन के आगेवान। श्री गौतम ने आव्हान किया है कि दलगत राजनीति से उपर उठकर सभी राजनीतिक दल हमें सहयोग करें। आज हजारों श्रमिक 10 माह से घर बैठे हुए हैं हमारे परिवारों पर आर्थिक संकट मंडरा रहा है ऐसी विषम परिस्थिति में नेताओं को हमारा साथ देना चाहिए।
उज्जैन बैठक मे ठेका श्रमिक गौतम, रतनसिंह,शंकर प्रजापत, सुंदर बाई, सुरेश कटारिया ठेकेदार हेमंत केरवार, गुरुदेव सिंह, राधेश्याम पाठक, मैकनिल कं, आदि ठेका श्रमिक एवं ठेकेदार शामिल थे।

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