क्या है मामला
शहर में संचालित होने वाली एक निजी बैंक आईसीआईसीआई शाखा नागदा में किसानों के साथ लाखों रूपए की धोखाधडी हो गई। किसान जब खातों से रूपए निकालने पहुंचे तो उन्हें इस धोखाधडी की जानकारी लगी। कुछ किसानों से कोरे चेक लिए गए थे तो कुछ किसानों से बगैर कोई चेक लिए ही लाखों रूपए की राशि उनके खातों से निकाल ली गई। बुधवार एवं गुरूवार को एक दर्जन से अधिक किसानों ने बैंक की शाखा के बाहर हंगामा कर दिया। इसके बावजुद जब बैंक अधिकारी उनसे बात करने को तैयार नहीं हुए तो किसानों ने धोखाधडी की लिखित शिकायत पुलिस थाना में की है। बताया जाता है कि बैंक का एक कर्मचारी भी गायब है। बुधवार को मामले को अत्यधिक बढते देख बैंक शाखा के सटर भी बंद कर दिए गए थे। गुरूवार को सशस्त्र जवानों को गेट पर बैठाकर बैंक का संचालन किया गया।
इन लोगों ने की है धोखाधडी की शिकायत
मामले में शिकायत करने वाले चन्दनसिंह शम्भूसिंह निवासी ग्राम मोहना ने अपने दो खातों से 4 लाख एवं 3 लाख की राशि निकाले जाने, भारतसिंह पिता लक्ष्मणसिंह ग्राम मोहना ने 2 लाख, विजय पाटीदार पिता हीरालाल निवासी बनबना ने 21 लाख, संदीप पाटीदार पिता रणजीत पाटीदार ग्राम कलालखेडी के खाते से 4 लाख, गेंदालाल पिता कनीराम निवासी बनबना के खाते से 4 लाख 8 हजार, सुरेश पिता अमृतलाल निवासी बनबना के खाते से 1 लाख 95 हजार, कन्हैया पाटीदार के खाते से 7 लाख, जीवन धानक पिता पर्वतलाल ग्राम मोहना के खाते से 43 हजार की राशि निकाले जाने संबंधी शिकायत दर्ज करवाई है।
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शहर में दलाल एवं बिचोलिये भी काफी सक्रिय
मामले में सूत्रों का यह भी कहना है कि विभिन्न बैंकों में किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए कई दलाल किस्म के लोग भी सक्रिय है। दलालों के मार्फत बैंक में केसीसी बनवाने पर तत्काल केसीसी कार्ड बन जाता है यदि कोई आवेदक सीधे बैंक में सपंर्क करता है तो बैंक के अधिकारी स्वयं ही दलालों के पास भेज देते हैं। बताया जाता है कि दलालों के मार्फत ही ज्यादातर केसीसी कार्ड बनाये जाते हैं। दलालों के माध्यम से अधिकारियों को भी मोटी रकम मिलती है जिसके कारण उनके काम तत्काल हो जाते हैं।
इनका कहना है
किसानों की और से धोखाधडी की शिकायत के आवेदन प्राप्त हुए है, मामले की जांच की जा रही है।
श्यामचन्द्र शर्मा, थाना प्रभारी, नागदा मण्डी
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