नवंबर 2020 में सीएम को दिया था पत्र
शहर के पाडल्या कला गांव में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान के आगमन पर ऐतिहासिक धरोहर बचाओ आंदोलन समिति ने महाभारत कालीन नाग यज्ञ टेकरी को संरक्षित राज्य स्मारक पर्यटन स्थल बनाने का मांग पत्र दिया था बोडाना के पत्र पर कार्रवाई करते हुए सीएम हाउस से महाभारत कालीन नाग यज्ञ टेकरी के संरक्षण संबंधित एक पत्र अनुविभागीय अधिकारी नागदा को सीएम हाउस से भेजा गया। ऐतिहासिक धरोहर बचाओ आंदोलन समिति की मांग पर अनुविभागीय अधिकारी आशुतोष गोस्वामी एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी भविष्य कुमार खोब्रागडे द्वारा महाभारत कालीन नागदा यज्ञ टेकरी का स्थल निरीक्षण किया था ताकि महाभारत कालीन नाग टेकरी को संरक्षित राज्य स्मारक बनाने की कार्यवाही को गति मिल सकेे।
स्थल निरीक्षण के बाद सीमांकन का लिया निर्णय
एसडीएम, मुनपा अधिकारी एवं नगर पालिका इंजीनियर द्वारा संयुक्त रुप से स्थल निरीक्षण करने के बाद टेकरी का सीमांकन कार्य करने का निर्णय लिया। उच्च स्तरीय कार्रवाई पर पुरातत्व विभाग भोपाल ने 2 सदस्य दल भेजकर महाभारत कालीन नाग टेकरी का स्थल निरीक्षण करवा कर इतिहास खोजने के प्रयास किए थे। वर्ष 2017 के पुरातत्विक स्थल निरीक्षण प्रतिवेदन में त्रिवेणी एवं पुरातत्व संग्रहालय उज्जैन के वरिष्ठ मार्गदर्शक घनश्याम बाथम ने टेकरी का स्थल निरीक्षण कर टेकरी पर चैथी शताब्दी ईसा पूर्व से ताम्रशकाल तक विकसित सभ्यता होने का दावा करते हुए अति महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल माना है।
मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने दिए थे निर्देश
वर्ष 2015 में ऐतिहासिक धरोहर बचाओ आंदोलन समिति द्वारा धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया को टेकरी के संरक्षण को लेकर पत्र लिखा था मंत्री सिंधिया ने कलेक्टर उज्जैन को टेकरी सरकार के संबंध में उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई
सूचना के अधिकार से मिली सफलता
शहर के ऐतिहासिक स्थल को संरक्षण दिलाने में सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 का महत्वपूर्ण योगदान रहा प्रत्येक मांग पत्र पर की गई कार्यवाही की जानकारी सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगी जिससे मजबूरन शासन प्रशासन को कार्रवाई कर टेकरी टेकरी के लिए तैयार होना पड़ा।
इनका कहना है
जूना नागदा टेकरी का सीमांकन कर नगर पालिका टीम को सीमा का ज्ञान करवाया गया है।
आशुतोष गोस्वामी, अनुविभागीय अधिकारी, नागदा
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