नागदा - पूर्व की भांति नागदा में ही बने चरित्र प्रमाण-पत्र - विधायक गुर्जर



Nagda(mpnews24)।  चरित्र सत्यापन हेतू उज्जैन एसपी कार्यालय के चक्कर लगाने से आम जनता को हो रही परेशानी को मद्देनजर रखते हुए विधायक दिलीपसिंह गुर्जर ने एसपी उज्जैन सत्येन्द्रकुमार शुक्ल से चर्चा कर पूर्व की भांति नागदा एवं बिरलाग्राम थानों में ही चरित्र प्रमाण-पत्र बने ऐसे निर्देश देने का अनुरोध किया है।

श्री गुर्जर ने एसपी श्री शुक्ल को अवगत कराया कि पूर्व में नागदा शहर के थाना क्षैत्रों में थाना प्रभारी के आदेश से बनने वाले चरित्र प्रमाण पत्र के लिए अब युवाओं को एसपी आॅफिस जाना पडेगा जिससे उनको समय एवं धन दोनो की बर्बादी होगी तथा वर्तमान में कोरोना काल की वजह से लोकल ट्रेनों का संचालन सुचारू रूप से नहीं होने से उन्हें बस अथवा उनके स्वयं के वाहन से 50 किमी दुर जाकर अपना चरित्र सत्यापन करवाना पडेगा।

चरित्र प्रमाण पत्र की आवश्यकता रहती है
श्री गुर्जर ने बताया कि वर्तमान समय में एमपी पुलिस व कई ओर वैकेन्सीयां शासन द्वारा निकाली गई है कोई सी भी वैकेन्सी है चाहे वह प्रायवेट कम्पनी की हो या सरकारी विभाग की हो उसके लिए आवेदकों को चरित्र प्रमाण पत्र की आवश्यकता रहती है जो कि थाने द्वारा बनाया जाता है लेकिन अभी एक सप्ताह भर से थाने पर चरित्र प्रमाण पत्र नहीं बनाये जा रहे है। वहीं नागदा एवं बिरलाग्राम दोनो ही पुलिस थानों में ही एक नोटिस चस्पा कर दिया गया है कि चरित्र प्रमाण पत्र के लिए उज्जैन एसपी कार्यालय में आवेदन करना पडेगा। जिससे कि कई आवेदकों को कई समस्याओं का सामना करना पडेगा।

जिला मुख्यालय जाने में होगी परेशानी
श्री गुर्जर ने बताया कि इस संबंध में मुझे विद्यार्थियों द्वारा अवगत कराया गया कि जब यह प्रमाण पत्र नागदा में बनाये जाते थे तो 200 से 300 रूपये तक का खर्च आता था वहीं उसे 3 से 4 बार थाने के चक्कर लगाने पडते थे ऐसे में अगर नागदा से 50 कि.मी. दूर उन्हें आवेदन करने जाना पडेगा जिसमें उसके समय व धन दोनो की बर्बादी होगी वहीं चरित्र प्रमाण पत्र उसे 10 से 15 दिनों मे मिलना भी मुश्किल लग रहा है।

श्री गुर्जर ने बताया कि कोरोना काल में कई युवा बेरोजगार हो गये है जो रोजगार की तलाश में वैकेन्सीयों मे आवेदन कर रहे है नागदा श्रमिक क्षैत्र है इसमें कई श्रमिक वर्तमान में बेरोजगार है श्रमिकों को अपना घर चलाने में कई परेशानियों का सामना करना पड रहा है ऐसे में अगर वह या उनके परिवार का कोई सदस्य उज्जैन जाकर आवेदन करेगा तो उसे एक बार उज्जैन आने-जाने में 500 से 700 रूपये का खर्च होगा वहीं उसे चरित्र प्रमाण पत्र के लिए उज्जैन कार्यालय के कई चक्कर लगाने पडेगें जिसके कारण उस आवेदक पर आर्थिक बोझ भी बढेगा।

श्री गुर्जर ने एस.पी. श्री शुक्ला से पूर्व की भांति थानों में ही चरित्र प्रमाण-पत्र बने ऐसे निर्देश देने का अनुरोध किया है जिससे युवाओं को उज्जैन आने-जाने में हो रही कठिनाई से निजात मिल सके।
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