शैक्षणिक सत्र 2020-21 कोरोनाकाल होने के कारण विद्यालयो का संचालन भौतिक रूप से नहीं हो रहा था बाद में शिक्षा विभाग के निर्देशों, द्वारा सितम्बर माह से कई विद्यालयों में ऑनलाईन पढ़ाई चालू की गई। कोरोनाकाल में अभिभावकों को आर्थिक संकट से जूझना पड़ा, नागदा एक औद्योगिक शहर है ऐसे में उद्योगो द्वारा लगभग साढ़े तीन हजार ठेका श्रमिको को काम से बंद कर रखा है। ऐसी परिस्थिति में अभिभावक व ठेका श्रमिक भाईयों के सामने बहुत ही ज्यादा आर्थिक परिस्थितियों की मार पड़ रही है और विद्यालयों द्वारा पुरे साल की फीस की मांग की जा रही है और फीस नहीं जमा कराने पर बार-बार मोबाईल व अन्य मारफतो से सूचना भेज दी जा रही है।
ज्ञापन के माध्यम से निवेदन किया गया कि कोविड का प्रकोप लगातार जारी है ऐसी स्थिति में व्यापार व्यवसाय बन्द होने के कारण लोगो को कई तरीके से आर्थिक संकटो का सामना करना पड रहा है, वर्तमान में विद्यालय अभी नहीं खुले है और आनलाईन पढाई शासन के निर्देशानुसार 40 मिनट से 2 घंटे तक चल रही है। विद्यालयो द्वार पूर्ण ट्यूशन फीस की मांग की जा रही है। किन्तु आर्थिक मजबूरियो के कारण अभिभावक फीस भरने में असमर्थ है।
अभिभावको की आर्थिक स्थिति को देखते हुए धवन ने इस ज्ञापन के माध्यम से अभिभावको की ओर से यह अनुरोध किया कि शासन स्तर पर अप्रेल, जुलाई, अगस्त, सितम्बर चार माह की ट्यूशन फीस पूर्ण रूप से माफ करें व आनलाईन चल रही क्लासेस में ट्यूशन फीस में 70 प्रतिशत छूट प्रदान की जावे। साथ ही ग्रेसिम से निकाले गये साढे तीन हजार ठेका श्रमिको के बच्चो की फीस में विशेष रियायत दिलवाई जावे।
यह थे उपस्थित
इस अवसर पर अभिभावक कल्याण संघ अध्यक्ष शैलेन्द्रसिंह चैहान एडवोकेट, सचिव श्रीमती शिल्पा गुप्ता, राजा कर्नावट, युसुफ पहलवान, हेमलता शाक्य, सुबोध स्वामी, जगदीश मिमरोट, मेहरून बी, हसीना बी, रेखा भाटिया, रजनी शेर, राधिका चैहान, कृष्णा चैहान, भारती चैहान, मनोरमा दुबे, संध्या दुबे, पुजा मरमट, लालाबाई, सपना, मंजु, विनिता शेर, माधुरी मरमट, चेतना चैहान, कांता, रानी, तृप्ति वर्मा सहित बड़ी संख्या में अभिभावकगण उपस्थित थे।
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