उल्लेखनिय है कि 27 जनवरी को स्थानीय प्रशासन द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजयसिंहजी के नागदा आगमन के बाद ताबडतोड डाॅ. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा स्थापित कर दी थी जिसपर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं द्वारा इसका श्रेय लेने के लिए सर्किट हाउस की झुठी बैठक का हवाला देकर नागदा की जनता को गुमराह किया था। विधानसभा में नगर पालिका प्रशासन द्वारा भारतीय जनता पार्टी के दावे को बेबुनियाद बताया गया है।
बाबा साहब की प्रतिमा नहीं लगाने पर अनुयाईयों ने किया था आंदोलन
गौरतलब है कि संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जी की प्रतिमा स्थापित किये जाने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह जी ने 1 माह में प्रतिमा नहीं लगाये जाने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी थी क्योंकि नगर पालिका द्वारा अन्य प्रतिमा लगा दी गई थी तथा बाबा साहब की प्रतिमा को नहीं लगाया गया था ऐसे में आंदोलन कर रहे बाबा साहब के अनुयायियों को जैसे ही कांग्रेस नेताओं का समर्थन मिला वैसे ही प्रशासन हरकत में आ गया तथा ताबडतोड पुराने बस स्टेण्ड प्रतिक्षालय के समीप प्रतिमा लगाये जाने का निर्णय लिया गया। प्रतिमा लगाये जाने का श्रेय लेने की होड में भाजपा के कई नेता लग गये थे तथा उन्होंने प्रशासनीक अधिकारियों की उपस्थिति में मीटिंग कर निर्णय लेने की बात प्रचारित की थी। श्रेय की इस राजनीति को विधानसभा में करारा झटका लगा है।
नागदा नगर में महापुरूषों की प्रतिमा स्थापित करने हेतू नगर पालिका परिषद् नागदा एवं प्रशासन द्वारा समय-समय पर किये गये विभिन्न प्रस्तावों तथा इस हेतू प्रशासन द्वारा 27 जनवरी को सर्किट हाउस नागदा में आयोजित बैठक आदि का मुद्दा विधायक गुर्जर ने विधानसभा में उठाकर नगरीय प्रशासन मंत्री का ध्यानाकर्षित किया। जिसके प्रश्न के उत्तर में मंत्रीजी द्वारा अवगत कराया गया कि नगर पालिका प्रशासन द्वारा 27 जनवरी को इस संबंध में कोई बैठक आयोजित ही नही की गई और मीटिंग नहीं होने का खुलासा होने से स्थानीय भाजपा नेताओं की झुठ की पोल भी खुल गई है।
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