कलेक्टर के निरीक्षण उपरांत बंधी उम्मीद
विगत 20 दिनों से बीमा अस्पताल को कोविड केयर सेंटर के रूप में प्रारंभ करने की कवायद की जा रही है। क्षेत्र के सांसद ने कोरोना की पहली लहर के समय बीमा अस्पताल को प्रारंभ करने की बात कही थी, जो अब जाकर पुरी हो पा रही है। इससे पूर्व प्रशासन की बेरूखी के चलते यहाॅं केयर सेंटर प्रारंभ नहीं हो पाया था जिसकी गूंज गतदिनों शांति समिति की बैठक में भी सुनाई दी थी। सुखद खबर यह है कि बीमा में तैयारियों का दौर जोरों पर है तथा यहाॅं 24 बेड का आईसालेशन अस्पताल बनाने की पहल की गई थी। गुरूवार को नागदा आए जिला कलेक्टर आशीषसिंह ने बुधवार तक इसे 50 बेड के साथ प्रारंभ करने की बात कही है। जिससे क्षेत्र के कोरोना संक्रमितों के लिए राहत के रूप में देखा जा रहा है। क्योंकि एक-एक बेड के लिए लम्बी जद्दोजहद क्षेत्र के नागरिकों को करना पड रही है तथा न तो शासकीय और ना ही निजी अस्पताल में बेड की व्यवस्था हो रही है। ईलाज के अभाव में अभी तक शहर के दर्जनों मरीजों को अपनी जान तक गंवाना पडी है।
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विधायक गुर्जर ने अतिरिक्त बेड के लिए प्रदान किए 10 लाख
बीमा अस्पताल में प्रशासन द्वारा कोविड केयर सेंटर 24 बिस्तरों के साथ प्रारंभ करने की पहल की गई थी। लेकिन वर्तमान में मरीजों के संक्रमित होने की रफ्तार अत्यधिक होने तथा विषम परिस्थितियों को देखते हुए विधायक दिलीपसिंह गुर्जर ने बीमा में 24 अतिरिक्त आईसोलेशन बेड लगाने तथा सिविल हाॅस्पिटल में भी अतिरिक्त बेड लगाने के लिए 10 लाख रूपये की विधायक निधि प्रदान की है। उक्त राशि की अनुशंसा किए जाने के बाद राशि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी महावीर खण्डेलवाल के बैंक खातों में जमा भी जिला प्रशासन ने करवा दी है। जिससे जल्द ही व्यवस्थाओं को जुटा कर यहाॅं सामग्री प्रदान की जाने की बात जिला पंचायत के सीईओ अंकित अस्थाना ने कही है।
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सिविल हाॅस्पिटल में मरीजों को भर्ती करना सही निर्णय साबित हुआ
कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए प्रशासन एवं जनप्रतिनिधि जहाॅं बीमा अस्पताल में कोविड सेंटर बनाने पर अडे हुए थे। ऐसे में सामाजिक कार्यकर्ता अभय चोपडा ने सिविल हाॅस्पिटल के आईसीयू वार्ड को प्रारंभ करने की मांग की जो वर्तमान परिदृश्य में देखा जाऐ तो सबसे ज्यादा सही साबित हुई है। प्रशासन जहाॅं बीमा का निरीक्षण करने में लगा था वहीं चोपडा की मांग पर प्रभारी मंत्री मोहन यादव ने सिविल हाॅस्पिल को प्रारंभ करने के निर्देश जारी किए। जिसका परिणाम यह हुआ कि यहाॅं पर कई लोगों को आईसीयू में उपचार दिया गया तथा लोगों की जान बच सकी। यदि बीमा का इंतजार ही किया जाता तो कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड सकता था। सिविल के ही आईसोलेशन वार्ड में यदि 10 आॅक्सीजन कंसंट्रेटर और लगा दिए जाऐं तो अस्पताल का स्टाफ कईयों की जान बचाने में सफल साबित होगा। कंसंट्रेटर भी विधायक निधि से जल्द ही मिलने वाले है। सिमित संसाधनों में भी अस्पताल के कर्मचारी जी-जान से जुटे हुए है।
स्टाॅफ की पूर्ति नागदा से किए जाने के निर्देश
कलेक्टर सिंह ने बीमा में बनाऐ जा रहे कोविड सेंटर में स्टाफ की आपूर्ति नागदा से ही किए जाने की बात के बाद कोविड सेंटर में कर्मचारियों को पदस्थ करना भी स्थानिय प्रशाासन के लिए बडी चुनौती साबित होगा। क्योंिक पूर्व से ही सिविल अस्पताल में निजी चिकित्सकों की मदद ली जा रही है। इसी प्रकार अस्पताल में दो दर्जन कर्मचारियों की पदस्थापना है उनकी मदद भी कोविड सेंटर में ली जा सकती है। साथ ही जनसेवा हाॅस्पिटल, चैधरी हाॅस्पिटल, श्रीजी हाॅस्पिटल आदि से भी स्टाफ को पदस्थ किए जाने की कवायद की जा रही है।
इनका कहना है
विधायक निधि की राशि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को ट्रांसफर कर दी गई है। ब्लाॅक मेडिकल आॅफिसर एवं नागदा-खाचरौद अस्पताल से प्राप्त मांग पत्र के अनुसार सामग्री भेजी जा रही है।
अंकित अस्थाना, सीईओ, जिला पंचायत, उज्जैन
वर्तमान में 24 आॅक्सीजन बिस्तरों वाला कोविड सेंटर बीमा अस्पताल बनाया गया है। कलेक्टर महोदय संख्या बढाने के निर्देश दिए हैं। सभी आवश्यक कार्यो को पूर्ण कर जल्द ही बीमा को प्रारंभ किया जाऐगा।
डाॅ. कमल सोलंकी, बीएमओ, नागदा
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