नपा की करों में वृद्धि के विरोध में मुखर हुई कांग्रेस
जारी प्रेस विज्ञप्ति में जिला कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष सुबोध स्वामी व शहर कांग्रेस अध्यक्ष राधे जायसवाल ने बताया कि करों की वृद्धि को लेकर शासन के विरोध में इन्दौर के विधायक जीतू पटवारी, संजय शुक्ला सहित भाजपा नेताओं ने भी खुलकर नगर निगम द्वारा की गई कर वृद्धि का विरोध किया जिसका परिणाम यह हुआ कि शिवराज सरकार को अपना निर्णय इन्दौर के संदर्भ में वापस लेना पडा। वहीं दुसरी और नगर के हजारों नागरिकों द्वारा लगातार नपा द्वारा की गई करों की वृद्धि का विरोध किया जा रहा है लेकिन शहर के भाजपा के नेता शासन के इस निर्णय का विरोध करना तो कौसो दुर लोगों को यह समझाते रहे कि एक बार शासन ने करों में कोई वृद्धि कर दी है तो उसे वापस नहीं ली जा सकती है। जबकि लोकतंत्र में जनता द्वारा चुनी हुई सरकार को जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए निर्णय लेना चाहिए वहीं सत्ता पक्ष के नेताओं को जनता को मात्र वोट लेने तक ही सीमित नहीं रखना चाहिए उनकी समस्याओं के लिए भी अपनी आवाज मुखर करना चाहिए। लेकिन नगर का दुर्भाग्य है कि केन्द्रीय मंत्री से लेकर प्रदेश स्तर के कद्दावर भाजपा नेताओं के होते हुए भी जनता पर करो की वृद्धि को थोपकर जनता के साथ अन्याय व शोषण किया जा रहा है।
नेताद्वय ने नगर के नागरिकों से आह्वान किया है कि कोई भी नागरिक बढे हुए करों को जमा नहीं करे। करो की वृद्धि को वापस नहीं लेने तक कांग्रेस अपना आंदोलन सतत् जारी रखेगी। जिसके तहत सोमवार 5 अप्रैल को प्रातः 11 बजे भाजपा शासन के तुगलकी आदेश के विरोध में अपना अर्द्धनग्न प्रदर्शन करेगी।
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दो दिन पूर्व दिया था ज्ञापन
नपा द्वारा की गई जलकर, स्वच्छता कर एवं अन्य करों में वृद्धि के विरोध में दो दिन पूर्व ही कांग्रेस विधायक दिलीपसिंह गुर्जर के नेतृत्व में कांग्रेसजनों ने नपा प्रशासक एवं एसडीएम को ज्ञापन प्रेषित कर करों में की गई वृद्धि को वापस लिए जाने की मांग की थी।
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एक साथ दो वर्षो की दरों में वृद्धि का अधिनियम के विरूद्ध
नपा अधिनियम के जानकारों का कहना है कि नगर पालिका प्रशासन द्वारा वर्तमान वित्तीय वर्ष के साथ ही आगामी दो वर्षो के लिए भी एक साथ जलकर एवं स्वच्छता कर में की गई भारी भरकम वृद्धि का अधिकार ही नपा को नहीं है। अधिनियम में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि नपा सिर्फ एक वर्ष की दरों में संशोधन कर सकती है जबकि अधिकारियों द्वारा एक साथ तीन वर्षो की दरों में वृद्धि कर दी है जो कि नपा अनिधियम के विपरित होकर अवैधानिक एवं जनविरोधी है।
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