नागदा - लगातार हो रही दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उज्जैन-जावरा फोरलेन करना अत्यंत आवश्यक केन्द्रीय मंत्री, सांसद, विधायक को करने होंगे प्रयास



Nagda(mpnews24)।  विगत कुछ दिनों से देखने में आ रहा है कि उज्जैन-जावरा बीओटी मार्ग पर लगातार दुर्घटनाओं में नागरिक अपनी जान को गंवा रहे है। आलम यह है कि विगत 4 दिनों में पाॅंच लोगों ने इस सडक पर दुर्घटना में अपनी जान गंवाई है। बीते महिनों की बात करें तो दर्जनों नागरिक सडक दुर्घटना का शिकार हो चुके है। कोरोना महामारी के दौर में जबकी रेलों में सफर बहुत कम हो पा रहा है ऐसे में ज्यादातर क्षेत्र के रहवासी एवं आसपास के लोग दुपहिया वाहन एवं चार पहिया वाहनों से सफर करने को मजबुर है। क्षेत्र में लगातार बढ रही दुर्घटनाओं को जनप्रतिनिधियों को गंभीरता से लेना चाहिए तथा नागदा-जावरा रोड को फोरलेन किए जाने हेतु प्रयास तेज करना चाहिए। बीते दिनों कई शासकीय आयोजना में क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने जल्द फोरलेन के आदेश होने की बात कही थी, ऐसे में इस दिशा में तत्काल कार्रवाई करते हुए फोरलेन निर्माण की सार्थक पहल की जाना अत्यंत ही आवश्यक है। क्षेत्र में फोरलेन सडक निर्माण के बाद ही दुर्घटनाओं पर अंकूश लगेगा क्योंकि वर्तमान में सडक यातायात इतना अधिक है जिसके चलते आऐ दिन दुर्घटनाऐं हो रही है।

केन्द्रीय मंत्री को साथ लेकर मिलेंगे सडक परिवहन मंत्री से - सांसद
3-4 माह पूर्व मुक्तेश्वर महादेव मंदिर पर केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डाॅ. थावरचन्द गेहलोत की सांसद निधि से निर्मित भवन एवं अन्य विकास कार्यो के लोकार्पण एवं भूमिपूजन कार्यक्रम में क्षेत्र के सांसद अनिल फिरोजिया ने मंच से कहा था कि उज्जैन-जावरा मार्ग को फोरलेन किए जाने हेतु वह केन्द्रीय मंत्री डाॅ. गेहलोत को साथ लेकर सडक परिवहन मंत्री से मिलने वाले है। ततसमय क्षेत्र के नागरिकों को इस बात की आस जागी थी कि उज्जैन-जावरा मार्ग को फोरलेन कर दिया जाऐगा जिससे क्षेत्र का यातायात सुगम होगा तथा दुर्घटनाऐं भी नहीं होंगी। क्षेत्र के विधायक दिलीपसिंह गुर्जर लम्बे समय से उज्जैन-जावरा मार्ग को फोरलेन किए जाने हेतु प्रयासरत है। उक्त मामले को प्रश्नों, ध्यानाकार्षण एवं याचिका के माध्यम से विधानसभा में भी उठा कर शासन का ध्यान आकर्षित कर चुके है। स्टेट हाइवे-17 भी गुर्जर के कार्यकाल में ही बना था।

शासकीय भूमि भी उपलब्ध, फिर भी निर्माण क्यों नहीं
गौरतलब है कि उज्जैन-जावरा स्टेट हाईवे-17 निर्माण के समय ही उक्त मार्ग पर इतनी जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया था कि अब फोरलेन सडक निर्माण के लिए अत्यधिक जमीन का अधिग्रहण भी नहीं किया जाना है। ऐसे में शासन के धन की बजत हो जाऐगी तथा फोरलेन सडक का निर्माण भी पूर्ण हो सकता है। इस मार्ग के निर्माण में एक मात्र रोडा सिर्फ स्टेट हाईवे-17 का ठेका है जिसे कई वर्षो के लिए दिया गया है। ऐसे में फोरलेन सडक निर्माण करके इसी कम्पनी को पुनः टोल वसुली का ठेका दिया जा सकता है। जिससे शासन को अन्य ठेकेदार भी नहीं तलाशना पडेगा तथा नागरिकों को सुविधा भी मिल जाऐगी।

कई राज्यों में आवागमन के खुलेंगे रास्ते
गौरतलब है कि उज्जैन-इन्दौर फोरलेन पूर्व में ही हो चुका है। उज्जैन-भोपाल फोरलेन का कार्य वर्तमान में चल रहा है जिसमें देवास मार्ग भी फोरलेन होना है। इन्दौर-मुम्बई राजमार्ग बना हुआ है। साथ ही उज्जैन-गरोठ फोरलेन होना है। इसी प्रकार जावरा से मंदसौर-नीमच फोरलेन है जो सीधे राजस्थान जाता है। जावरा से रतलाम फोरलेन है। ऐसे में मात्र उज्जैन से जावरा फोरलेन किए जाने से कई राज्य सीधे मध्यप्रदेश में सुगम यातायात के रूप में जुड जाऐंगे जिससे क्षेत्र में व्यापार-व्यवसाय तो बढेगा ही साथ ही दुर्घटनाओं पर भी अंकूश लगाया जा सकेगा।
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