कंपनी द्वारा प्रस्तुत केस स्टडी लिवा रिवाईवा बाय बिरला सेल्युलोज एन्ड फुली ट्रेसेबल सर्क्युलर ग्लोबल फैशन सप्लाई चेन्स को पुरस्कार प्रदान किया गया। यह पुरस्कार कम्पनी के अनूठे ब्लॉकचेन-आधारित प्लेटफॉर्म ग्रीन ट्रैक के जरिये प्री-कन्जयूमर फैब्रिक वेस्ट और एन्ड-टू- एन्ड लाइव सप्लाई चेन ट्रांसपरेंसी और ट्रेसेबलिटी के साथ बनाये गए रिसाइकल और सर्क्युलर फाइबर में किये गए इनोवेशन के लिए दिया गया। यह केस स्टडी दो अनूठी चुनौतियों का समाधान करती है, ये हैंरू टैक्सटाइल कचरे के बढ़ते ढेर का समाधान जिसे पहले रिसाइक्लिंग तकनीकों की कमी के कारण जलाकर या कचरा भराव क्षेत्र में डाल दिया जाता था तथा दूसरी, बिखरी हुई, जटिल एवम लंबी फैशन सप्लाई चेन्स में ट्रांसपरेंसी-ट्रेसेबिलिटी की कमी का समाधान।
नेक्स्ट जेनरेशन समाधानों के लिए पहचान मिलने से हम गौरवान्वित हैं - दिलीप गौर
दिलीप गौर, बिजनेस डायरेक्टर, बिरला सेल्युलोज तथा मैनेजिंग डायरेक्टर, ग्रेसिम इंडस्ट्रीज ने इस उपलब्धि के बारे में कहा कि टैक्सटाइल कचरे की अप्साइकिलिंग, वर्जिन मटेरियल्स पर दबाव को कम करने तथा जटिल फैशन वैल्यू चेन में पारदर्शिता स्थापित करने के लिए हमारे नेक्स्ट जेनरेशन समाधानों के लिए पहचान मिलने से हम गौरवान्वित हैं।
सुश्री शबनम सिद्दीकी, एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर, यूएन ग्लोबल कॉम्पैक्ट नेटवर्क इंडिया ने कहा पुरस्कारों का यह पहला एडिशन कई ख्यात संस्थानों से प्राप्त बेहतरीन केस स्टडीज का साक्षी रहा है। हम बिरला सेल्युलोज को कम समय मे ही सप्लाई चेन में सर्क्युलेरिटी तथा ट्रांसपरेंसी बढाने की दिशा में किये गए अग्रणी कार्य के लिए बधाई देते हैं।
बिरला सेल्युलोज ने सर्क्युलर इकोनॉमी के सिद्धांतों का पालन कर, 20 प्रतिशत प्री-कन्जयूमर कॉटन फैब्रिक वेस्ट (कचरे) का उपयोग करते हुए विस्कोज फाइबर लिवा रिवाईवा की मैन्यूफैक्चरिंग में एक नए इनोवेशन को प्राप्त किया है। इस इनोवेशन में रिसाइकल क्लेम स्टैंडर्ड (आरसीएस) की विशेषता सम्मिलित है तथा यह बिरला सेल्युलोज के नेक्स्ट जेन समाधानों के विकास के लिए प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
वर्ष 2020 में इसकी लॉन्च के समय से ही, कई ग्लोबल ब्रांड्स ने लिवा रिवाईवा को अपनी सोर्सिंग बास्केट में शामिल किया है क्योंकि लिवा रिवाईवा सर्क्युलर इकोनॉमी की तरफ सोच समझकर कदम बढ़ाने विश्वास रखता है। बिरला सेल्युलोज टैक्सटाइल कचरे जैसे वैकल्पिक फीडस्टॉक के उपयोग में बढोत्तरी को प्राथमिकता दे रहा है और यूएन एसडीजी 2030 के साथ जुड़े इनोवेशन्स की गति को बढाने के लिए प्रतिबद्ध है।
Post a Comment