क्या है मामला
मामले में प्राप्त जानकारी के अनुसार कोरोना महामारी के इस दौर में क्षेत्र के रहवासियों को बिमारी के चलते आॅक्सीजन की अत्यधिक आवश्यकता पड रही है। पुरा देश एवं प्रदेश वर्तमान में आॅक्सीजन के लिए तडफ रहा है। वहीं स्थानिय स्तर पर लगभग 200 से 500 ऐसे लोग है जो कोरोना एवं विभिन्न बिमारियों से ग्रसित होकर घरों पर ही अपना उपचार करवा रहे है। ऐसे व्यक्तियों को सांस लेने में आ रही तकलीफ के चलते परिजनों द्वारा घरों पर ही आॅक्सीजन सिलेण्डर लगाकर उपचार करवाया जा रहा है। शहर के सामाजिक कार्यकर्ता सलुजा बंधुओं द्वारा ऐसे उपचारार्थ मरीजों को निःशुल्क आॅक्सीजन प्रदान की जाती रही है। गत दिनों 200 से अधिक लोगों को सुबह 4 बजे इनके द्वारा आॅक्सीजन उपलब्ध करवाई गई। लेकिन शनिवार को जिला प्रशासन के निर्देश के बाद एसडीएम गोस्वामी द्वारा निजी आॅक्सीजन सिलेण्डर रिफिलिंग पर रोक लगा दी है। जिसके बाद शहर के सैकडों अस्वस्थ्य लोगों के समक्ष जीवन-मरण का प्रश्न खडा हो गया है।
प्रशासन के निर्देश नीमच, मंदसौर भेजी जाऐ आॅक्सीजन
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रशासन ने सिर्फ हाॅस्पिटल के सिलेण्डरों को ही रिफिल करने को नवदीप इंटरप्रोईजेस को कहा है। निजी तौर पर आॅक्सीजन लेने वालों पर रोक लगाने की बात भी कही गई है। प्रशासन के निर्देश के बाद सलुजा बंधुओं द्वारा एक भी सिलेण्डर को रिफिल करने से इंकार कर दिया है। जिसके बाद शहर में 4-5 घंटे बाद ही त्राही-त्राही का आलम भी निर्मित हो सकता है। क्योंकि वर्तमान कोरोना बिमारी में आक्सीजन मरीज को सबसे ज्यादा जरूरी है। वहीं प्रशासन का आॅक्सीजन की रोक को लेकर आॅक्सीजन नीमच, मंदसौर आदि स्थानों पर भेजे जाने की बात कही जा रही है। ऐसे में क्षेत्र के नागरिकों को जीवन-मृत्यु के बीच झुलाते हुए प्रशासन अन्यंत्र स्थान पर आॅक्सीजन भेजना चाहता है।
बाॅक्स
भाजपा नेता अपने घरों से आॅक्सीजन बांट कर सस्ती लोकप्रियता हांसिल करना चाहते - स्वामी
क्या कलेक्टर जैसे जिम्मेदार अधिकारी ऐसे अमानवीय आदेश दे सकते है जिससे चिकित्सालयों में बेड नहीं मिलने के कारण जैसे-तैसे ऑक्सीजन सिलेंडर व अन्य व्यवस्थाओं का जुगाड़ कर अपने घरों में डॉक्टर के परामर्श से उपचार कर रहे कोरोना मरीजों की जान पर बन आए आए ? क्या सत्ता पक्ष भाजपा के नेताओं के दबाव में इस तरह का अमानवीय आदेश दिया गया ? क्या भाजपा नेता अपने घरों से कोरोना संक्रमित के परिजनों को ऑक्सीजन बांटकर सस्ती लोकप्रियता हासिल करना चाहते हैं ?
कलेक्टर ने दिए निर्देश किसी भी व्यक्ति को आॅक्सीजन न दी जाऐ
उपरोक्त संपूर्ण घटनाक्रम की जानकारी देते हुए जिला कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष सुबोध स्वामी ने बताया कि जिला कलेक्टर के अमानवीय आदेश के कारण कोरोना संक्रमित मरीज जिन्हें शासकीय चिकित्सालय नागदा या अन्य किसी भी चिकित्सालय में बेड नहीं मिलने के कारण घर पर ही ऑक्सीजन सिलेंडर व अन्य साधनों की व्यवस्था कर डॉक्टर के परामर्श से उपचार करा रहे हैं उनके सामने विकट वह गंभीर स्थिति निर्मित हो गई है। कलेक्टर महोदय द्वारा नागदा नगर के अनुविभागीय अधिकारी व ऑक्सीजन सप्लाई का कार्य कर रहे सलुजा ब्रदर्स को यह निर्देश दिए गए हैं कि नागदा के किसी भी व्यक्ति को निजी तौर पर ऑक्सीजन नहीं दिया जाए सिर्फ शासकीय चिकित्सालय को ही ऑक्सीजन दिया जाये वही मंदसौर नीमच रतलाम आलोट जैसे शहरों में ऑक्सीजन की सप्लाई नवदीप इंडस्ट्री नागदा द्वारा कलेक्टर के आदेश से की जा रही है। संपूर्ण मामले की शिकायत स्वामी ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 181 मीडिया के समक्ष करते हुए कहा कि शासन प्रशासन नगर के साथ भेदभाव कर रहा है नागदा नगर में स्थित ऑक्सीजन प्लांट से नागदा खाचरोद विधान सभा क्षेत्र के संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन नहीं दी जा रही है शासन अब तक मरीजों के लिए ना तो बेड की व्यवस्था कर पाया है ना ही स्वयं ऑक्सीजन की व्यवस्था कर पाया है नाही रेमेडीस्वर जैसे इंजेक्शनओं की पर्याप्त व्यवस्था कर पाया है उल्टा ऐसे अमानवीय आदेश जारी कर क्षेत्र के लोगों की जान से खेलने का काम शासन-प्रशासन कर रहा है।
विधायक गुर्जर ने कलेक्टर के समक्ष जताया आक्रोश
स्वामी ने बताया कि संपूर्ण मामले की जानकारी विधायक दिलीपसिंह गुर्जर को देने के बाद श्री गुर्जर ने कलेक्टर के समक्ष आक्रोश जताते हुए कहा कि हमारे क्षेत्र के नागरिकों के साथ भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। श्री स्वामी ने चेतावनी दी है कि कलेक्टर अपने आदेश को शून्य कर क्षेत्र के नागरिकों को तत्काल ऑक्सीजन सप्लाई निर्बाध रूप से करने के आदेश एसडीएम को प्रदान करें नहीं तो जनहित व नगर हित में कांग्रेस पदाधिकारी कोरोना गाइडलाइन का पालन कर चरणबद्ध आंदोलन करेंगे जिसकी शुरुआत क्रमिक अनशन से की जाएगी।
इनका कहना है
अभी जो ऑक्सीजन की सप्लाई आई है, वो रतलाम नीमच मंदसौर जिले में जिला अस्पताल हेतु पूर्व से निर्धारित है। इन जिलों में फिलिंग स्टेशन के अभाव में उज्जैन या नागदा स्थित फिलिंग स्टेशन से पूर्ति की जा रही है, जो अस्पताल में पहले से भर्ती मरीजों के लिए उनके कोटा अनुसार निर्धारित है।
आशुतोष गोस्वामी, एसडीएम, नागदा
Post a Comment