छोटा सा सवाल
आॅटो एसोसिएशन की नुमाईंदगी करने वाले तथा आॅटो चलाकर अपना तथा परिवार का जीवन यापन करने वाले शहर के युवा खलील एहमद ने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों एवं समाज सेवकों से सवाल पुछा है। खलील कहते हैं कि नागदा में इस बीमारी को देखते हुए तीन जगह पर इस बीमारी का इलाज करने की बात कही जा रही है। वह कब तक सुचारू रूप से तैयार हो जाएंगे ? उसकी तारीख बताई जाए ?
राजनेताओं के झुठे दिलासे कब तक ?
खलील ने कहा कि बीते 15-20 दिनों पूर्व क्षेत्र के तथाकथित जननायकों ने कहा था कि कोविड सेंटर जो बनाया जा रहा है वहां पर किसी भी चीज की कोई कमी नहीं रहेगी। इतना भी नहीं यह भी कहा गया था कि अब किसी को भी उज्जैन या इंदौर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी उसके बाद आज भी उपचार के अभाव में पिडितों को मजबूरन इन्दौर, उज्जैन, रतलाम, आदि स्थानों पर जाना पड़ रहा है। हमारे शहर में अभी भी ऑक्सीजन की कमी आ रही है। बड़े बीमा हॉस्पिटल का कई बार निरीक्षण किया गया बाकी वहां पर भी अभी सब सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई है। सिविल हॉस्पिटल में भी ऑक्सीजन की कमी आ रही है जिससे लोगों की रोज जान जा रही है जो भी लोग बड़े-बड़े दावे करते हैं हॉस्पिटल में जाकर 24 घंटे में कम से कम एक बार जो वहां भर्ती उनके परिवार से मिलकर उनकी समस्याएं सुने। सिर्फ निरीक्षण करने से या घोषणा करने से किसी की जान नहीं बचाई जा सकती। जो चीज की कमी आ रही है उसे पूरा करना पड़ेगा तब कहीं जाकर हम इस लड़ाई को जीत सकेंगे। जनप्रतिनिधि खुद जाकर वहां पर देखें मीडिया को भी अवगत कराएं कि हमने किस-किस मरीज की क्या-क्या मदद करी और आखिर में खासतौर से तारीख बता दें कि उसके बाद हम को कहीं भी भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी तथा सभी का इलाज नागदा में हो जाएगा। ऐसा आश्वासन नहीं विश्वास दिलाया जाऐ।
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